चीताखेड़ा । स्थानीय गांव के मध्य स्थित अति प्राचीन मुनीसुव्रत स्वामी तथा चंदा प्रभु जी बड़ा जिनालय पर पर्वों के राजा पर्वाधिराज 8 दिवसीय आध्यात्मिक पर्व पर्युषण महापर्व के अवसर पर मंगलवार से अहिंसा परमो धर्म के जय घोष की ध्वनि गूंजना प्रारंभ हो चुकी है जिसमें भक्ति, पक्षाल, पूजा, मंगलदीप, व आरती के आयोजन प्रतिदिन होंगे, जिसमें जैन समुदाय बढ़-चढ़कर सहभागी बनेंगे।
पर्यषण के प्रथम दिन जैन समाज के हर महिला, पुरुष, युवा श्रावक-श्राविकाएं भक्ति में लीन रहे । अहिंसा परमो धर्म की स्वर लहरियों के साथ ध्वनि गुंजायमान होने लगी है हर वर्ष की भांति इस बार भी मुनीसुव्रत स्वामी तथा चंद्रप्रभु जी बड़ा जिनालय पर जैन अनुयायियों द्वारा 8 दिवसीय पर्युषण पर्व धार्मिक भावनाओं से पूरी गरिमा में वातावरण में क्षमा,भक्ति, त्याग और तपस्या से भी परिपूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। आराधना भवन में जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में आराधना का दौर पूरे उत्साह के साथ पर्युषण पर्व का मंगलवार से श्रीगणेश हो चुका है। आराधना भवन में प्रतिदिन सुबह 5 बजे प्रतिक्रमण, प्रात: 6:30बजे पक्षाल पूजा, केसर पूजा, प्रातः 7 बजे स्नात्र पूजा, 11बजे आरती, दोपहर बिजे नवपद पूजा, शाम 5 बजे प्रतिक्रमण, शाम 7 बजे आरती, रात्रि 8:30 बजे प्रभु भक्ति होगी।
पर्युषण पावन पवित्र आध्यात्मिक पर्व के अवसर पर प्रथम दिन मंगलवार को जैन अनुयायियों द्वारा बढ़-चढ़कर भक्ति भाव से प्रारंभ की है उपरोक्त जानकारी रजनीश दक, दिलीप गोदावत ने प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए बताया है कि पर्युषण पर्व के अवसर पर प्रतिदिन कल्पसूत्र का वाचन किया जाएगा। और भगवान सुव्रतस्वामी जी तथा चंदा प्रभु जी की अंग रचना ( आंगी) की जाएगी। पांचवें दिन त्रिशला नंदन भगवान का जन्म वाचन होगा। आखिरी दिन संवत्सरी पर क्षमा याचना की जाएगी। इस दिन जानें अनजाने में हुई गलती की क्षमा मांगी जाएगी। सामूहिक क्षमा याचना के आयोजन भी होंगे।