नीमच| म.प्र. जन अभियान परिषद की स्नेह यात्रा छठे दिवस में जावद विकासखण्ड के ग्राम बोराकुंडी सेप्रारंभ हुई जो सुजानपुरा, कनकपुरा, नयापराना, डुंगरीया, ताल, परलाई, डुंगरपुर होते हुऐ रात्री को ग्राम टिमरीया पहुंची जहां जन संवाद सहभोज एवं रात्री विश्राम हुआ। यात्रा में संत मुरारी हरिदास प्रभु ने अपने आर्शीवचनों में कहा कि एक कहावत है कि कोस पर कोस बदले पानी चार कोस पर वाणी, हर जगह पर अपनी-अपनी एक अलग संस्कृति है, भारत की एक अलग संस्कृति है। जिसका हमें स्वाभिमान होना चाहिए।यात्रा में ग्रामीणों के घर-घर जाकर, मिल कर गीता जी, मदन मोहन जी की तस्वीर भेट की गई। स्नेह यात्रा के दौरान संत मुरारी हरिदास प्रभु जी द्वारा नवाचार किया गया। ग्राम में ही दोपहर संवाद के समय 2 बालको को लघु नाटिका के लिए तैयार किया और प्रस्तुति के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इस्कॉन केपरम स्वामी मुरारी हरीदास प्रभुजी, यात्रा के प्रमुख संत सीतानाथ प्रभुजी, मुरारी हरीदास प्रभुजी, अमृत कृष्ण प्रभुजी, रघुनाथ प्रसाद प्रभु जी एवं अन्य विशिष्ट संतजनों वनवासी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगो से स्नेहं भेंट की जा रही है। उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे है।
यात्रा में गायत्री परिवार बालकृष्ण सोलंकी, मनोहर लाल भारद्वाज पतंजलि समिति योग प्रभारी कमलाशंकर भट्ट, जिला योग प्रभारी एवं जिला समन्वयक शबनम खान जिला नीमच का विशेष सहयोग रहा साथ ही इस्कॉन, गायत्री परिवार, पतंजिल योग समिति, योग आयोग, श्रीरामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, नवांकुर एवं प्रस्फुटन प्रतिनिधी, परामर्शदाता सीएमसीएलडीपी स्टूडेंटस, सामाजिक कार्यकर्तासहित प्रत्येक ग्राम में बडी संख्या में सभी वर्ग, धर्म, संप्रदाय के अनुयायी एवं ग्रामवासियों ने उपस्थित होकर महाराज जी का आर्शीवाद लिया।