अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य दिव्य श्री रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य बड़ी ही तीव्र गति से चल रहा है। अक्टूबर 2023 तक श्री रामजन्मभूमि मंदिर मे रामलला का गर्भगृह तैयार हो जाएगा। जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
विश्व का हर राम भक्त वह तारीख जानने के लिए आतुर है जब अपने दिव्य भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इसको लेकर के रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास में कहा कि 24 जनवरी 2024 वह सबसे शुभ तारीख होगी जब अपने दिव्य भव्य मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ रामलला विराजमान होंगे। सभी राम भक्तों के लिए वह बहुत ही अलौकिक क्षण होगा। उन्होंने कहा कि भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन आने वाले राम भक्तों को रहने और खाने के लिए भी अयोध्या के साधु-संतों ने अपने मठ-मंदिरों के दरवाजे खोल दिए हैं। अयोध्या के संतों ने कहा है कि जो राम भक्त रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या आएंगे। उनके रहने और खाने के लिए इंतजाम पूरा किया जाएगा। क्या होंगे मुख्य आकर्षण : अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ लगभग 10000 गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।
इन्हें रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का आमंत्रण पत्र भेजा गया है। आमंत्रण पत्र में 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच की तारीख बताई गई। आमंत्रण पत्र आरएसएस के पूर्व सर कार्यवाह सुरेश भैया जोशी और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच हुए विचार विमर्श के बाद भेजा गया है। कृष्ण नगरी मथुरा में मूसलधार बारिश सड़कें बन गई ता खंभों पर 6000 देवी-देवता: राम मंदिर के खंभों में देवी- देवताओं की मूर्तियां बनी है जिसकी संख्या 6000 से अधिक होगी। अभी फिलहाल भूतल पर कुछ खंभों का चयन किया गया है उस पर मूर्ति कैसी बन रही है इसका अध्ययन किया गया। लोवर प्लिंथ पर कुछ पैनल बनने हैं जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित होंगी। इस पर भी मंथन किया गया है। इसके साथ ही पर कोटि में भी 90 पैनल को लगाए जाने की बात सामने आई है जो ब्राउनच के होंगे जिनका चयन होना बाकी है। लेकिन इन पैनल में किन प्रसंगों को दर्शाया जाएगा ऐसे 300 पैनल का सिलेक्शन किया जा चुका है। प्रवेश द्वार पर हनुमानजी और गुरुड़जी मंदिर के प्रवेश द्वार पर दो सिंबल 2 गज एक हनुमानजी और एक गरुड़जी की मूर्ति बनेगी। यहां कैसे और किस पत्थर से तैयार किया जाएगा इस पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इसमें तय किया गया है जिस पत्थर से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उन्हीं पत्थरों से इन मूर्तियों को भी तैयार किया जाएगा। परकोटा में भी 6 मंदिर बनने हैं उन मंदिरों के लिए मूर्तियों को टाइप किए जाने के लिए ट्रस्ट का एक डेलिगेशन अगस्त माह में राजस्थान पहुंचेगी। इसमें महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा सहित अन्य लोग शामिल होंगे। इन मंदिरों में लगने वाली मूर्तियां जिन स्वरूप जिन आकार की लगनी है वह आसानी से उपलब्ध होंगी या बनानी पड़ेगी। विभिन्न तरह के अनुष्ठान भगवान श्री रामलला का भव्य मंदिर बिना बाधा के बने इसके लिए अनेक प्रकार के अनुष्ठान चल रहे हैं। इस समय तीर्थ क्षेत्र भवन रामकोट में ऋग्वेद सामवेद कृष्ण यजुर्वेद शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों की आहुतियां चल रही है बाल्मीकि रामायण और श्रीमद्भागवत का भी पाठ चल रहा है। इसके लिए काशी के वेद विद्वान और महाराष्ट्र के वैदिक आचार्य अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे हैं। 2022 से मंदिर निर्माण होने तक वैदिक मंत्रों का उच्चारण और हवन भी चल रहा है। इसके महाराष्ट्र के 5 वैदिक 15 दिन के अंतराल पर यह अनुष्ठान कर रहे हैं।