जम्मू- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार को भी लगातार तीसरे दिन बंद रहा। 270 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के लिए मरम्मत का कार्य चल रहा है, क्योंकि यह मार्ग हर मौसम में कश्मीर को पूरे देश से जोड़ता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजमार्ग पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं।
भारी बारिश के कारण राजमार्ग पर जगह जगह हुए भूस्खलन और रामबन जिले के करीब पंथियाल सुरंग एवं चंबा-सिरी के करीब सड़क क्षतिग्रस्त होने के चलते इसे शनिवार को वाहनों के आवगमन के लिए बंद कर दिया गया था। राजमार्ग पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं। यातायात विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चंबा-सिरी मार्ग को छोड़कर, जहां सड़क का 60 मीटर का एक हिस्सा ढह गया था, शेष राजमार्ग लगभग दुरुस्त है और यह वाहनों की आवाजाही के लिए ठीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) चंबा-सिरी मार्ग पर चौबीसों घंटे काम कर रहा है और सड़क की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि मरम्मत में कुछ समय लगेगा।
जब सड़क आवगमन के लिए सुचारू हो जाएगी तो फंसे हुए वाहनों को प्राथमिकता पर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि फंसे हुए वाहनों को निकालने से पहले जम्मू या कश्मीर से आने वाले वाहनों को राजमार्ग पर नहीं जाने दिया जाएगा। एक पुलिस प्रवक्ता ने आग्रह किया कि प्रशासन की तरफ से आदेश जारी होने से पूर्व राजमार्ग पर यात्रा करने से बचें। प्रवक्ता ने कहा कि बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को नुकसान पहुंचा है, खासतौर पर रामबन जिले में जिससे वाहनों की आवाजाही को बंद करना पड़ा। उन्होंने भारी वाहनों के चालकों को सलाह दी कि वे जम्मू से श्रीनगर के बीच आवाजाही के लिए मुगल रोड का इस्तेमाल करें।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन जल्द से जल्द राजमार्ग पर यातायात को बहाल करने के लिए काम में जुटा है। यातायात अधिकारियों के अनुसार जम्मू में सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग मुगल रोड दोनों तरफ के यातायात के लिए खुला है। मुगल रोड पर भी बारिश के कारण शनिवार और रविवार को कई जगह पर भूस्खलन की घटनाएं हुई लेकिन संबंधित एजेंसियों ने इस मार्ग को साफ करवा दिया जिसे यात्रियों को राहत मिली। अधिकारियों ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट मिलने तक मुगल रोड पर यातायात सामान्य रूप से जारी था।