ग्राम पंचायत पटियाल के रघुनाथपुरा में नंदीश्वर गौशाला जमीन पर कतिपय ग्रामीणों ने किया कब्जा

प्रदीप जैन May 31, 2023, 7:34 pm Technology

11 हेक्टेयर भूमि गौशाला के लिए शासन से हुई आवंटित 37.80 लाख की लागत से पूर्ण हुआ नंदीश्वर गौशाला का निर्माण

सिंगोली। ग्राम पंचायत पटियाल के अंतर्गत आने वाले ग्राम रघुनाथपुरा में वित्तीय वर्ष 2019-20 मैं शासन द्वारा 37.80 लाख की लागत से निर्मित होने वाली गौशाला निर्माण की राशि स्वीकृत की गई गौशाला निर्माण हेतु 11 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित की गई ताकि निर्माण पूर्ण हो जाने के पश्चात गौशाला में आने वाले पशुओं को पालने के लिए किसी पर भी आश्रित ना रहना पड़े और अपनी जमीन पर ही पशुओं के लिए हरी घास का प्रबंध भी गौशाला की जमीन पर ही हो जाए लेकिन वर्तमान में गौशाला की खाली जमीन पर कतिपय ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक मंदिरों और मठों के खर्चे की आड़ लेकर और उसे ट्रैक्टरों की मदद से हकवाकर जमीन पर कब्जा कर हड़पने का प्रयास किया जा रहा है।

और राजस्व अमला मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है। जबकि उक्त भूमि ग्राम पंचायत पटियाल के पूर्व सरपंच चुन्नीलाल लोहार के कार्यकाल में चराहागांह हेतु आरक्षित की गई और जमीन को सुरक्षित रखने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च कर पत्थरों की कच्ची दीवार भी बनवाई गई है बावजूद ग्राम के कतिपय ग्रामीण उसे सार्वजनिक उपयोग की जमीन बताकर हथियाने का प्रयास कर रहे हैं मौके पर मौजूद ग्रामीण राकेश हीरालाल धाकड़ निवासी रघुनाथपुरा ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर नीमच ने मौखिक रूप से हमें जमीन को ग्राम के कार्यों में सार्वजनिक उपयोग में लेने के लिए कहा था लेकिन शासन द्वारा इसे गौशाला हेतु आरक्षित कर दिया गया क्योंकि गौशाला का निर्माण भी आवश्यक था ग्रामीण शिवलाल पिता हीरालाल धाकड़ ने निवासी ग्राम रघुनाथपुरा ने कहा कि ग्राम के ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक बैठक कर जमीन को ग्राम के मंदिरों और मठों के खर्चों की पूर्ति के लिए उपजाऊ बनाकर उपयोग में लेने का निर्णय लिया गया है इस संबंध में जब गौशाला स्वीकृत हुई थी तब भी हमने तत्कालीन तहसीलदार से भी मौखिक रूप से निवेदन किया था और कहा था की हमारे गांव में जमीन की कमी होने की वजह से और गौशाला का निर्माण पूर्ण होने के पश्चात सार्वजनिक कामों के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तब उन्होंने भी गौशाला का निर्माण पूर्ण होने के पश्चात अतिरिक्त जमीन को सार्वजनिक कार्यों में लेने की बात दोहराई थी ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सार्वजनिक कार्यों में जमीन की उपलब्धता के लिए उन्होंने कहीं भी शासन से जमीन की मांग नहीं की सिर्फ सभी ग्रामवासियों ने एकत्रित होकर बैठक कर गौशाला की जमीन से प्राप्त होने वाली आय को मंदिर मठों के लिए होने वाले खर्च और सार्वजनिक कार्यों के लिए उपयोग में लेने का निर्णय लिया गया है। क्या कहते हैं जिम्मेदार :- गौशाला की आरक्षित जमीन पर ग्रामीणों द्वारा चलाए जा रहे ट्रैक्टरों की जानकारी मिली थी जाकर ग्रामीणों को समझाइश दी कि वे किसी भी तरह का उपयोग नहीं कर सकते जमीन गौशाला के लिए आरक्षित है ग्राम वासियों द्वारा सार्वजनिक उपयोग में लेने के लिए ग्राम पंचायत को कोई आवेदन नहीं दिया गया। - सीताबाई जीतमल धाकड़ सरपंच ग्राम पंचायत पटियाल जमीन को हकवाने की जानकारी मिली थी मैंने मौके पर जाकर मौका पंचनामा बनाया है और अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। - दिनेश धाकड़ कस्बा पटवारी। मेरे कार्यकाल में जमीन चरागाह हेतु आरक्षित की गई थी और उस पर बकायदा पत्थरों की दीवार बनाकर सुरक्षित किया गया था।

- चुनीलाल लोहार पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत पटियाल।

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