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भाजपा के गढ़ में बजा खतरे का अलार्म नीमच जिले की तीनों सीटें रेड जोन में, किसके सर सजेगा ताज़, पढ़े ख़ास खबर

अभिषेक गुप्ता May 28, 2023, 10:08 am Technology

रामपुरा। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। जिसको लेकर प्रदेश में पांचवी बार सरकार बनाने को लेकर तमाम प्रकार के सर्वे को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों के चयन की चुनावी कसरत भी संगठन ने शुरू कर दी है।

सूत्रों की मानी जाये तो इस बार टिकट वितरण को लेकर पार्टी अबकी बार पेराशूट इंट्री टिकिट पर बेन लगाकर ऐसे निष्ठावान एवं जिताऊ कैंडिडेट प्रत्याशियों को टिकिट देगी जो सालो से संघटन की सेवा कर रहे हे एवं जिन्हें अपने क्षेत्र में लोकप्रियता के साथ अनुभव का तालमेल हो।

मध्यप्रदेश में भाजपा का गढ़ कही जाने वाली मंदसोर संसदीय क्षेत्र के नीमच की तीनो विधानसभा सीट पर अबकी बार भाजपा के लिए सुरक्षित नहीं रही यह बात सर्वे की नहीं खुद भाजपा के ऐसे निष्ठावान लोग कह रहे हैं जो बरसों से पार्टी की मील का पत्थर बन कर दरिया बिछाते आए हैं। मोजुदा विधायक मंत्री का सर्वे में फीडबेक भी संगठन के लिए चिंता का विषय हे इसको लेकर लगातार बैठकों का दोर जारी हे सूत्रों के हवाले से खबर हे।

उक्त घटना कर्म की जानकारी प्रदेश कार्यालय को लगातार सर्वे एवं कार्यकर्ताओ के माद्यम से भोपाल पहुँच रही हे। जल्द ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में बड़ी बैठक होगी।

बैठक में बीजेपी के क्षेत्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल के अलावा मप्र भाजपा के अध्यक्ष, संगठन महामंत्री मौजूद रहेंगे। मध्यप्रदेश में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मंदसोर संसदीय शेत्र के नीमच की तीनो विधानसभा पर अबकी बार भाजपा के लिए सुरक्षित नहीं रही मोजुदा विधायक मंत्री का सर्वे में फीडबेक भी संघटन के लिए चिंता का विषय हे

वही भाजपा के लिए बरसो से दरी बिछाने वाले एवं भाजपा के नींव के पत्थर वरिष्ठ कार्यकर्ता निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने इस बार पार्टी से दूरी बना ली है एक समय था जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में अनुभवी एवं युवा कार्यकर्ताओं का हुजूम देखने को नजर आता था परंतु वर्तमान परिपेक्ष में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं एवं पार्टी के लिए जी जान से मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं ने दूरी बनाकर मौन व्रत धारण कर लिया है।

विगत 18 सालों से सत्ता का सुख भोग रही भाजपा ने अपने निष्ठावान जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर बड़ा सिरदर्द मोल ले लिया है। मौजूदा विधायक एवं मंत्री द्वारा भी संगठन के लिए बरसों से काम कर रहे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा इस बार चुनाव में पार्टी को भारी पड़ने वाली है।

मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा द्वारा किया गया एक्सपेरिमेंट भी उक्त परिस्थिति के लिए घातक साबित हो रहा है। प्रदेश के भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष सहित विभिन्न प्रकोष्ठ में युवा चेहरा को दायित्व देने से भी उक्त परिस्थिति निर्मित होते नजर आ रही है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश अध्यक्ष का एक्सपेरिमेंट पूरी तरह फेल होता हुआ नजर आया है। जिसके कारण जिला अध्यक्ष एवं विधायकों मंत्रियों के बीच तालमेल नहीं बैठने के कारण भी कई लोगों ने पार्टी से दूरी बना ली है। क्योंकि इन युवा जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्षों में काम करने की ललक तो है परंतु अनुभव की कमी के चलते वह भाजपा के उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं को साध नहीं पाए जो भाजपा की जमा पूंजी थी एवं जिसके आधार पर भारतीय जनता पार्टी 2 सीटों के संघर्ष से लेकर आज इस विशाल वटवृक्ष के रूप में परिवर्तित हुई थी।

वही वर्ष 2018 में नीमच विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिलीप सिंह परिहार को 2018 के चुनाव में 87197 वोट मिले थे एवं उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सत्यनारायण पाटीदार को 72340 वोट मिले थे नीमच विधानसभा क्षेत्र में दिलीप सिंह परिहार के सामने खड़े हुए प्रतिद्वंदी जावद विधानसभा क्षेत्र से आते हैं परंतु उन्हें टिकट नीमच विधानसभा क्षेत्र से दिया गया था जिसके चलते विधायक दिलीप सिंह परिहार ने जीत दर्ज कर पाए थे।

परंतु इस बार भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध एवं दबी जबान आम जनमानस में यह चर्चा कर रहे हैं कि बापू के दिन अबकी बार हवा हुए। सर्वे की रिपोर्ट देखी जाए तो दिलीप सिंह परिहार अबकी बार नीमच विधानसभा सीट से टिकट की दौड़ से बाहर होते हुए नजर आ रहे हे। विधानसभा सीट में अबकी बार परिवर्तन होता है तो महेंद्र भटनागर संघ की पहली पसंद एवं लंबे समय से भाजपा संगठन में काम कर रहे हैं उनका नाम पहले पायदान पर देखा जा रहा है।

वहीं जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार भी विधानसभा की दौड़ में शामिल हो गए हैं।

जावद विधानसभा में विगत 4 कार्यकाल से विधायक एवं वर्तमान में मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा के पुत्र ओमप्रकाश सकलेचा के लिए भी वर्तमान परिपेक्ष में जावद सीट सुरक्षित नहीं रही हे। क्योंकि यहाँ से जब कभी भाजपा विजय हुई हे उसका श्रेय कांग्रेस पार्टी के बागी को जाता हे परन्तु अबकी बार समंदर पटेल मौजूदा विधायक के लिए परेशानी का कारण बन सकते हे सूत्रों की मने तो समंदर पटेल जिनके कार्यक्रमों में अपार जन समूह उमड़ रहा हे जावद सीट से भाजपा के प्रत्याशी के तोर पर क्षेत्रवासियो सहित संगठन में भी अपनी कछुआ चाल से विधायक के टिकिट को प्राप्त कर सकते हे क्युकी समंदर पटेल सिंधिया खेमे से आकर संघटन के बड़े पदाधिकारियो से लगातार संपर्क में हे।

वही मनासा की बात करे तो उक्त सीट पुरे संसदीय क्षेत्र में २०१८ के चुनाव में चर्चित सीट रही यहाँ से मौजूदा विधायक अनिरुद्ध माधव मारु सर्वाधिक मतों से विजय हुए थे परंतु सत्ता संघटन में तालमेल की कमी के चलते भाजपा सहित भाजपा के अनुषांगिक संघटन ने भी मोजुदा विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हे वही संगठन पदाधिकारी राजेश लढ़ा सहित सिंधिया खेमे से आये विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा भी दावेदारी को लेकर प्रयासरत हे एवं विधानसभा शेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे हे।

कार्यकर्ताओ की उपेक्षा एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओ को दरकिनार जेसे घटना क्रम से मनासा सीट विवादों मी घिरती नजर आ रही हे संघटन सूत्रों की माने तो संघटन भी विवादों से ऊपर जाकर मनासा सीट को अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित कर सकती हे, अगर एसा हुआ तो मनासा सीट से बंशीलाल गुर्जर मदनलाल राठोर लाल घाटी बंशीलाल राठौर में से किसी एक पर दाव खेल सकती हे। अब देखना यह है की भाजपा किस प्रकार जिले में सीटो पर तालमेल बिठाती है।

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