सिंगोली। भगवान की सच्ची भक्ति ही संसार सागर से पार लगाने वाली होती है सच्ची भक्ति के माध्यम से एक तिर्यच प्राणी मेंढक ने देवप्रर्याय को प्राप्त कर लिया था।
मनुष्य सच्ची श्रद्धा भक्ति से प्रभु का स्मरण करे तो क्या वह संसार के दुखों से नहीं छूट सकता उक्त बातें नगर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर विराजमान परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षा प्राप्त व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने दिगंबर जैन मंदिर पर धर्म सभा को संबोधित करने के दौरान कहीं और कहा कि भगवान के प्रति सच्चा समर्पण ही सुख अर्जन करने वाला है संसारी प्राणी सुख की प्राप्ति चाहता है पर कार्य सारे दुख प्राप्ति के करता है भक्ति में शक्ति है जो भक्तों को भगवान से मिलाती ही नहीं है बल्कि भक्तों को भी भगवान बना देती है
भगवान की भक्ति करते समय मन में प्रसन्नता का भाव होना चाहिए और कहा कि भगवान राजा गुरु वेद ज्योतिषी के पास कभी भी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए सुख प्राप्ति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है विश्वास में कमी अपने आराध्य पर पूर्ण विश्वास होने पर ही जीवन में चमत्कार घटित हो सकता है नगर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर विराजित मुनि श्री धर्म लाभ प्राप्त करने के लिए आने वाले समाजजनों को योगा भी करा रहे हैं वही आज प्रातः काल श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा हुई मुनि श्री के मुखारविंद से प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य चांदमल पुष्पेंद्र कुमार पिंटू कुमार आर्श जैन बगड़ा परिवार को प्राप्त हुआ इस अवसर पर उपस्थित सभी समाजजनों ने मुनि श्री को सिंगोली चातुर्मास हेतु निवेदन भी किया