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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग: यहां ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मिलती है मुक्ति, महाशिवरात्रि पर जाने रामेश्वरम की ख़ास बात

Neemuch Headlines February 18, 2023, 2:20 pm Technology

भारत एक ऐसा देश है जहां कई तरह के ऐतिहासिक स्थल देखे जा सकते हैं और इन सभी का इतिहास में अपना अलग महत्व है. भारत में हजारों साल पुराने कई मंदिर स्थापित हैं, इसी क्रम में सबसे लुभावने और दर्शनार्थियों से भरे हुए मंदिरों में से एक है।

रामेश्वरम मंदिर. रामेश्वरम मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जिसे भगवान शिव के सम्मान में बनाया गया है. ये मंदिर तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. इसे एक पवित्र स्थल और चार धामों में से एक माना गया है. इस मंदिर को स्थानीय भाषा में रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

रामेश्वरम मंदिर का इतिहास :-

मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका विजय की कामना से लंका जाने से पहले भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे. तब उन्होंने इस जगह पर महादेव के शिवलिंग की स्थापना कर इसकी पूजा अर्चना की थी. भगवान राम के नाम से ही इस जगह का नाम रामेश्वरम द्वीप और मंदिर का नाम रामेश्वरम पड़ा. पुराणों के अनुसार, रावण एक ब्राह्मण था और ब्राह्मण को मारने के दोष को खत्म करने के लिए भगवान राम भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे, लेकिन तब इस द्वीप पर कोई मंदिर नहीं था, इसलिए हनुमान जी को कैलाश पर्वत से भगवान शिव के शिवलिंग लाने के लिए कहा गया. जब हनुमान जी समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंच पाए, तब माता सीता ने समुद्र की रेत को मुट्ठी में उठाकर शिवलिंग का निर्माण किया और इसी शिवलिंग की भगवान राम ने पूजा की. हनुमान जी के द्वारा लाए गए शिवलिंग को भी यहीं पर स्थापित कर दिया गया।

रामेश्वरम मंदिर के बारे में रोचक तथ्य :-

1. रामेश्वरम मंदिर लगभग 1000 फुट लंबा और 650 फुट चौड़ा है. इस मंदिर में 40 फुट ऊंचे दो पत्थर इतनी बराबरी के साथ लगाए गए हैं कि इनको देखकर आश्चर्य होना स्वभाविक है. मान्यताओं के अनुसार, रामेश्वर मंदिर निर्माण में लगाए हुए पत्थरों को श्रीलंका से नावों के जरिए लाया गया था।

2. रामेश्वरम मंदिर का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है. यह उत्तर से दक्षिण में 197 मीटर और पूर्व पश्चिम में 133 मीटर लंबा है. इस गलियारे के परकोटे की चौड़ाई 6 मीटर और ऊंचाई 9 मीटर है. मंदिर में प्रवेश द्वार 38.4 मीटर ऊंचा है. यह मंदिर लगभग 6 हेक्टेयर में बना हुआ है।

3. रामेश्वरम में प्रचलित किवदंतियों की मानें तो इस मंदिर के अंदर सभी कुएं भगवान राम ने अपने बाणों से बनाए थे. ऐसा माना जाता है कि इनमें कई तीर्थ स्थलों का जल मिलाया गया था।

4. भगवान राम ने ब्राह्मण हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए यहां शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा की थी, इसलिए माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग की विधि-विधान से पूजा करने से ब्रम्ह हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है. जो व्यक्ति यहां स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर पूरी श्रद्धा से गंगाजल चढ़ाता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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