महिलाओ में बढ़ रहे कैंसर की रोक थाम के लिए WHO ने एक प्रोग्राम सुरु किया है , WHO ग्लोबल ब्रेस्ट कैंसर इनिशिएटिव (GBCI)। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तन कैंसर की मृत्यु दर को प्रति वर्ष २.५% तक कम करना है, जिससे २०२० और २०४० के बीच विश्व स्तर पर २.५ मिलियन स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
इन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में तीन स्तंभ हैं: शीघ्र पहचान के लिए स्वास्थ्य संवर्धन; समय पर निदान; और व्यापक स्तन कैंसर प्रबंधन। मैं विगत दो दसको से कैंसर के कई प्रमुख हस्पतालो से जुड़ी हु और उनके मरीज़ो के कटे हुए कृतिम अंग बनाती हु, रोक थाम के लिए जितनी ज्यादा जागरूकता होगी उतना ही लाभ संभव है। मैंने अनुभव से ये जाना की कई बार जान तो बच जाती है और साथ ही सही समय पर इलाज सुरु होने से अंग को काटने से बचाया जा सकता है। आज में ज्योतिष के कुछ ऐसे सूत्र की बात करुँगी जो मैंने कैंसर मरीज़ो में कॉमन पाया।
ऐसा कुछ किसी की जन्मपत्रिका में हो तो उन्हें सतर्क रहना चाहिए और बिच बिच में अपनी जाँच कराते रहना चाहिए। मैंने कैंसर और ज्योतिष से जुडी कई किताबे पढ़ी उन सब में कई कॉम्बिनेशन बताये हुए है । पर मैंने करीब २५० मरीजों की जन्मपत्रिका को स्टडी करके ये जाना की स्त्रियों में स्तन कैंसर में हर एक मरीज़ का शनि डिफेक्टिव है या मृत है। मैंने खोजना चालू किया की शनि कैंसर से कैसे सम्बंधित होगा। मेरे पिता कैंसर और ज्योतिष पर रिसर्च करते थे और कई लास्ट स्टेज के मरीज़ो को ज्योतिषी सहायता से बचाते भी थे। उनसे मुझे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली जो आज मैं आपसे साझा करुँगी। जो आज बोलूंगी दुनिया की किसी किताब में नहीं है, इसे आप समझेंगे तो कैंसर को समझ जायेंगे और इलाज को भी। शनि आयरन का मालिक है । हमारे रक्त में आयरन है हीमोग्लोबिन। आयरन या इस हीमोग्लोबिन का काम है ऑक्सीजन को सेल्स तक पहुँचाना, क्यों की आयरन ऑक्सीजन कर्रिएर है ।
शनि डिफेक्टिव होने से ब्लड में आयरन की कमी होती है और ऐसा होने से सेल्स को ऑक्सीजन कम मिलता है। एक उद्धरण से समझाती हु - मान लीजिये एक घर है जो की आभाव ग्रस्त है, लोग ज्यादा है और भोजन कम तो वो लोग खाना कैसे खाएंगे ? एक बड़ी थाली लेंगे और सारा खाना उसमें डाल देंगे और सब एक साथ बैठकर खाएंगे। जब सेल्स को ऑक्सीजन कम मिलता है तो सेल्स एक साथ जुड़ने लगते है और एक संघटित जायंट सेल बन जाते है अपनी रक्षा के लिए। यही पर बात ख़तम नहीं होती है , सेल्स का एक स्वाभाव है की हर सेल आगे निर्धारित सेल्स पैदा करता है और एक निर्धारित समय के बाद आत्महत्या करता है अर्थात अपने आपको समाप्त कर देता है। पर यहाँ एक जायंट सेल जो बन गया है, फिर वो आगे जायंट सेल्स ही बनाता है। और अपने आप को आर्डर दे कर मरने की प्रक्रिया में सक्रिय नहीं रह जाता। इस लिए कैंसर सेल्स की बड़ी समस्या है -फ़ास्ट मल्टीप्लाई करना, बड़े आकर का होना और ब्रेन के आर्डर को नहीं मानना और अपने आपको निर्धारित समय के बाद समाप्त करना। शनि को ठीक करने से इन रोगियों में निश्चित सफलता मिलती है। एक और रोचक उपाय बताती हु - जन्मपत्रिका में छठा घर होता है बीमारी का और छठा का अथवा घर होता है लग्न का। तो न केवल कैंसर बल्कि किसी भी जटिल बीमारियों में लग्न को बल देने से बीमारी को भगाना आसान होता है।