खारकिव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चौथे दिन रूसी सेना की कार्रवाई जारी है. रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकिव में घुस चुकी है. उधर, सूमी में हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया है. कहा गया है कि लोग अपने नजदीकी शेल्टर में चले जाएं.
बता दें कि रूस के साथ सीमा से लगभग 20 किलोमीटर (12.4 मील) दक्षिण में स्थित है. यूक्रेनी मीडिया और सोशल नेटवर्क पर पोस्ट किए गए वीडियो में रूसी वाहनों को खारकिव में घूमते दिखाया गया है खारकिव में रूसी सेना के घुसने के दौरान जमकर गोलीबारी हुई।
जानकारी के मुताबिक, रूसी वाहनों का एक काफिला खिमप्रोम से सूमी शहर की ओर आ रहा है. इस दौरान यूक्रेन के सेना ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर रहने, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और खिड़कियों से दूर रहने को कहा है। उधर, खारकिव के गवर्नर ने बताया कि शहर के अंदर रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भारी जंग जारी है.
खारकिव क्षेत्रीय राज्य प्रशासन के अध्यक्ष ओलेग सिनेगुबोव ने स्थानीय निवासियों से शेल्टर में रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कीव यूक्रेनी सैनिकों और रक्षा बलों के नियंत्रण में है. कीव सिटी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन के पहले उप प्रमुख मायकोला पोवोरोज़्निक का कहना है कि रात भर शहर में तोड़फोड़ और कुछ झड़पें हुईं है।
रूसी सेना ने ओडेसा में ड्रोन लॉन्च किए :-
ओडेसा रीजनल स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन में पब्लिक काउंसिल के प्रमुख सेरही ब्रैचुक का कहना है कि यूक्रेनी सेना रूसी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. वहीं, यूक्रेन की स्टेट बॉर्डर गार्ड सर्विस का कहना है कि स्नेक आइलैंड अभी भी हमारे कब्जे में हो सकता है.
बता दें कि शनिवार को बताया गया था कि रूसी सेना ने यूक्रेनी सैनिकों पर हमला कर द्वीप पर कब्जा कर लिया है. वहीं, गवर्नर दिमित्री जिवित्स्की ने कहा कि रूसी गोलाबारी में एक सात वर्षीय लड़की सहित छह लोग मारे गए.
बेलारूस के राष्ट्रपति ने परमाणु हथियारों की तैनाती की संभावना से इनकार किया :-
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत में अपने देश में परमाणु हथियारों की तैनाती की संभावना को खारिज कर दिया। BelTA की एक रिपोर्ट के अनुसार, लुकाशेंको ने इस तरह की अटकलों को अफवाह बताकर खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि जब तक बेलारूस के लोगों पर खतरे का कोई संकट नहीं आएगा, परमाणु व पारंपरिक हथियारों की तैनाती नहीं की जाएगी।