Latest News

आज रखा जाएगा मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत

Neemuch Headlines December 2, 2021, 6:54 am Technology

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा और व्रत आदि का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है.

ये व्रत भोलेनाथ को अति प्रिय है. कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ की भक्ती से भक्तों के हर बिगड़े काज बन जाते हैं. इस बार मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 2 दिसंबर, गुरुवार यानि आज पड़ रही है. इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं और उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. शिव भक्त भगवान की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत, मासिक व्रत और सोमवार व्रत आदि सब रखते हैं.

हिंदू धर्म में भोलेशंकर को बहुत ही दयालु और कृपालु भगवान कहा जाता है. आज शुक्रवार को ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा व आरती, बनीं रहेगी मां की कृपा

प्रदोष व्रत का महत्व:-

प्रदोष व्रत के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. इसके साथ ही भक्त को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि ये व्रत भक्त के भाग्य को जगा देता है. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत तरीके से पूजा करने भोलेशंकर की कृपा प्राप्त होती है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन व्रत और पूजा आदि के साथ मंत्र जाप और आरती करने से मनचाहा वर मिलता है. वहीं, प्रदोष व्रत में गंगाजल और सामान्य जल के साथ दूध भगवान शिव पर चढ़ाया जाना शुभ फलदायी माना जाता है.

गुरु प्रदोष व्रत तिथि 2021 :-

मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 2 दिसंबर, बृहस्पतिवार को है. गुरू प्रदोष व्रत तिथि प्रारम्भ- 02 दिसंबर, प्रातः 02 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर, गुरू प्रदोष व्रत तिथि समाप्त- 02 दिसंबर, रात्रि 10 बजकर 56 मिनट पर समापन होगा.

प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त :-

मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही करना शुभ होता है. आज (2 दिसंबर, गुरुवार) के दिन पड़ रहे प्रदोष व्रत की पूजा का सही समय शाम 7 बजकर 19 मिनट से लेकर 9 बजकर 17 मिनट तक है.

Related Post