देहरादून। सियाचिन में देश के लिए अपना फर्ज निभाते हुए ग्राम धारकोट, पौड़ी निवासी 24 वर्षीय, 57 बंगाल इंजीनियरिंग के जवान विपिन सिंह के शहीद होने का दुःखद समाचार से क्षेत्र में शोक छा गया।बताया गया है कि ड्यूटी के दौरान ग्लेशियर में गिरने से विपिन के सिर पर गहरी चोट आ गई। सेना की ओर से उसे उपचार दिया, लेकिन वह देश के लिए शहीद हो गया। इस बात की सूचना जवान के घर पहुंचने के वक्त विपिन की माता पार्वती देवी अपनी आंखों का इलाज कराने सतपुली गई थीं। इस बीच रविवार सुबह उन्हें वहीं विपिन के शहीद होने का समाचार मिला। विपिन के पिता सूबेदार सिंह भी बंगाल इंजीनियरिंग से सेवानिवृत्त हुए हैं। विपिन का बड़ा भाई भी बंगाल इंजीनियरिंग में कार्यरत है।विपिन को नवंबर माह में घर आना था। घर में उसके माता-पिता उसके आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन विपिन के बजाए उसके निधन का समाचार आया, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर व्याप्त है।
बताया गया है कि विपिन की बड़ी बहन व बड़े भाई का विवाह हो चुका है। अब परिवार विपिन के विवाह की तैयारी में था। भारतीय सेना कल सुबह यानी 12 अक्टूबर को सियाचिन में शहीद हुए विपिन गुसाईं का पार्थिव शरीर उनके घर लाएगी। जिसके बाद उनके पैतृक गांव धारकोट में अंतिम विदाई दी जाएगी।सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई देते वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत समेत कई लोग मौजूद रहेंगे। ग्लेशियर की चपेट में आने से सियाचिन में शहीद हुए विपिन गुसाईं पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक के धारकोट के रहने वाले थे। वे अपने पीछे अपने बुजुर्ग माता-पिता, बड़े भाई को छोड़ गए हैं। विपिन अपने परिवार की सैनिक परंपरा को आगे बढ़ा रहे थे।उनके पिता जहां सेना से रिटायर हो चुके हैं तो वहीं उनके बड़े भाई भी बंगाल इंजीनियरिंग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।