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वर्षों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता रतनगढ़ का 3 कि.मी.लम्बा घाट सेक्शन, जान लेवा गड्ढे व जर्जर अवस्था के बाद भी प्रशासन किसी वीभत्स हादसे के इंतजार मे नही ले रहा है सुध

निर्मल मूंदड़ा October 7, 2021, 6:13 pm Technology

वाहनों की लम्बी कतारे, फंसना,पलटी खा जाना एवं घंटो जाम लगना बन चुकी है रोजमर्रा की दास्तां

रतनगढ़। प्रदेश में शासन प्रशासन व राजनेता बिजली,पानी, शिक्षा आवागमन की सुविधा एवं बेहतरीन सड़कों के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं और वास्तविकता में प्रदेश में सड़कों की स्थिति में काफी सुधार भी हुआ है।लेकिन कुछ स्थानों पर आज भी स्थिति बद से बदतर बनी हुई है।कई बार राजनेताओं सहित प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित एवं मौखिक जानकारी से अवगत कराने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। समस्या जस की तस बनी हुई है। हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से मात्र 52 कि.मी.की दूरी पर स्थित नीमच,सिंगोली,कोटा रोड पर बने रतनगढ़ के 3 कि.मी.लंबे घुमावदार खतरनाक घाट सेक्शन की।जिसकी क्षतिग्रस्त जर्जर स्थिति किसी बडी दूर्घटना को आमत्रंण दे रही है।पिछले काफी लम्बे समय से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके रतनगढ़ घाट सेक्शन की तरफ जिम्मेदारो का कोई ध्यान नहीं है।इसकी जर्जर अवस्था एवं दूर्दशा को देखकर ही आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उच्च पदो पर बैठे अधिकारीयो एवं राजनेताओं द्वारा किस प्रकार से सजग होकर जनहित मे ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाया जा रहा है। घाट सेक्शन की हालत को सुधारने की दिशा में आज तक किसी के भी द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। केवल कभी कभार बड़े-बड़े गड्ढों में छोटे-मोटे पैच वर्क कर लाखों करोड़ों का भ्रष्टाचार कर इतिश्री जरुर कर ली जाती है।घाट सेक्शन पूरी तरह से जीर्ण-शिर्ण अवस्था में पहुंच चुका है। पिछले कई वर्षों से इस घाट सेक्शन पर घुमावदार खतरनाक मोड़ एवं बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढों में से होकर सैकडों दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों, अनाज मंडी मे माल लाने ले जाने वाले सैकडों किसानों, विद्यालयीन बच्चों,गर्भवती महिलाओं के लिये प्रयुक्त जननी वाहन एवं गंभीर बीमार एवं दुर्घटनाओं में घायलों को जिला चिकित्सालय ले जाने वाले एम्बुलेंस चालकों को भी अपनी स्वयं की जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। पिछले कई वर्षों से क्षेत्रीय नागरिकों के द्वारा घाट सेक्शन को दुरस्त करवाने की मांग पर राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारी अतिशिघ्र दुरस्ति का झूठा आश्वासन देकर इतिश्री कर लेते हैं। शासन प्रशासन और राजनेताओं की भारी अनदेखी नीमच, सिंगोली मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित रतनगढ़ घाट की दुर्दशा का कारण बन गई है। प्रतिदिन वाहनों का फंसना,पलटी खा जाना, घंटों लंबा जाम लग जाना, उड़ती धूल का गुबार, एवं बारिश के मौसम में किचड़ की भरमार अब तो राहगीरों के लिये रोजमर्रा की दास्तां बन गई है।बारिश के मौसम में बड़े-बड़े गड्ढो मे भरे किचड़ व गंदे पानी के बीच मे से होते हुए घाट पर वाहनों का चढ़ना एवं उतरना गम्भीर हादसों को न्यौता दे रहा है।घाट की हालत इतनी बद से बदतर होने पर भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी एवं राजनेता किसी गम्भीर हादसे के इंतजार में केवल मुक दर्शक बनकर आंखे मुंदकर बैठे हुए हैं।रही सही कसर इस रोड पर प्रतिदिन दिन रात निकलने वाले अवैध ओवर लोड रैत के डंपरो और ट्रैलरो की आवाजाही ने पूरे घाट सेक्शन एवं रोड को छलनी कर पूरी कर दी है। प्रतिदिन जिला मुख्यालय नीमच एवं तहसील मुख्यालय सिंगोली मे विभागीय कार्य से आने जाने वाले आमजन व बार बार लगने वाले वाहनों की लगी लंबी कतारों के जाम में स्थानीय जनप्रतिनिधि सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के नेतागण, जिले के आला अधिकारी गण भी फंस चुके हैं।लेकिन उसके बाद भी इसका कोई उद्धार होता नही दिख रहा है। अब तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एमपीआरडीसी एवं लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारी सब कुछ जान कर भी अनजान बन आंखें मूंदकर किसी बड़ी घटना दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।

इनका कहना :-

रतनगढ़ के घाट सेक्शन के रिन्यूअल व डामरीकरण का स्टीमेट बनकर सेक्शन हो गया है।और टेंडर भी जारी कर दिये गए है।शिघ्र ही महिने भर मे कार्य भी शुरु हो जाएगा।

- संतोष सुपेकर जिला उपयंत्री एमपीआरडीसी नीमच।

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