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गौवंश तस्कर को 01 वर्ष का सश्रम कारावास।

Neemuch Headlines October 7, 2021, 12:50 pm Technology

नीमच। एम. ए. देहलवी, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा गौवंश की तस्करी करने वाले आरोपी अमित उर्फ गोलू पिता श्यामलाल ग्वाला, उम्र-26 वर्ष, निवासी-कंचन नगर, स्टेशन रोड़, नीमच को धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000रू जुर्माना, धारा 4, 6, 10 म.प्र. कृषिक पशु परिक्षण अधिनियम, 1959 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000रू जुर्माना तथा धारा 11डी पशु क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960 में 50रू जुर्माने से दण्डित किया। विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 10.12.2014 को शाम के 7 बजे फव्वारा चैक, नीमच की हैं। विश्व हिन्दु परिषद के जिला अध्यक्ष फरियादी बाबूलाल को सूचना मिली की मनासा रोड़ तरफ से एक टाटा पिकअप वाहन में वध हेतु अवैध रूप से बैलों धुलिया (महाराष्ट्र) ले जाया जा रहा हैं। सूचना के आधार पर फरियादी अन्य कार्यकर्ताओं के साथ डाक बंगला चैराहे पर आया तो टाटा पिकअप वाहन उनको देखकर तेज गति से वहां से चली गई, जिसका पिछा कर उसे फव्वारा चैक पर रोका गया। जहाँ गाड़ी का ड्राईवर आरोपी मौके पर गाड़ी छोड़ कर भाग गया। गाड़ी के पिछे खोलकर देखने पर उसमें 2 बैलों को क्रुरतापूर्वक बांधा हुवा था। फरियादी द्वारा गाडी को थाना नीमच केंट ले जाकर आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 467/2014, धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004, धारा 4, 6, 10 म.प्र. कृषिक पशु परिक्षण अधिनियम, 1959 एवं धारा 11डी पशु क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पंजीबद्ध करवाया गया। विवेचना के दौरान जप्त गाड़ी के दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया, उसके पास गौवंश क्रय व परिवहन के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने से शेष विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी, चश्मदीद साक्षी व विवेचक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा गौवंश तस्करी के अपराध को प्रमाणित कराया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000रू जुर्माना, धारा 4, 6, 10 म.प्र. कृषिक पशु परिक्षण अधिनियम, 1959 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000रू जुर्माना एवं धारा 11डी पशु क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960 में 50रू जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा की गई।

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