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NEET-UG की परीक्षा रद्द नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

Neemuch Headlines October 4, 2021, 6:55 pm Technology

12 सितंबर को हुई NEET-UG की परीक्षा नए सिरे से परीक्षा कराने की थी मांग सुप्रीम कोर्ट ने छात्र की ये याचिका खारिज की NEET UG Exam: सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर को हुई परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने फिर से परीक्षा कराने की अर्जी के साथ साथ कोचिंग सेंटरों और पेपर हल करने वाले गिरोहों की CBI से जांच और उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग भी खारिज कर दी है. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस भूषण बआर गवई की बेंच ने कहा कि ये याचिका तुच्छ है. ये किस तरह की रिट दायर की गई है? लाखों उम्मीदवारों ने ये परीक्षाएं दी हैं. अदालत उस परीक्षा में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है जहां साढ़े सात लाख छात्रों ने परीक्षा दी है वहां पांच FIR के आधार पर परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती.

हालांकि अदालत ने शुरुआत में याचिकाकर्ता छात्र पर फालतू याचिका दायर करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाने की बात भी कही.

छात्र नहीं कमाता तो वकील भर दे जुर्मान:-

इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता छात्र तो कुछ कमाता ही नहीं है कैसे पांच लाख जुर्माना भरेगा? पीठ ने कहा कि ठीक है तो हम आदेश में ये कहेंगे कि जुर्माने की राशि वकील से वसूली जाए जिसने ऐसी याचिका दायर करने की सलाह छात्र को दी है, लेकिन वकील की कई बार अपील और गुहार पर बाद में इस जुर्माने वाले आदेश को वापस ले लिया गया. दरअसल याचिका में पेपर लीक और कदाचार का आरोप लगाया गया है. आरोपों में कहा गया है कि इस याचिका के लंबित रहने के दौरान परिणामों की घोषणा पर रोक लगाई जाए, फिर नए सिरे से NEET परीक्षा कराई जाए. याचिका में परीक्षा के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ाने के निर्देश भी जारी करने की मांग की गई थी. साथ ही सीबीआई/ राजस्थान, यूपी के डीजीपी को एक हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी मांगा गया था.

NEET उम्मीदवारों की याचिका में कहा गया है कि वास्तविक, योग्य और मेधावी उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए परीक्षा दोबारा से की जाए. परीक्षा में धोखाधड़ी छात्रों के भविष्य के बारे में गंभीर चिंता का विषय और परीक्षा की पवित्रता और सुरक्षा का उल्लंघन है. यह याचिका NEET उम्मीदवारों ने वकील ममता शर्मा के माध्यम से दायर की थी. याचिका में कहा गया है एक आपराधिक साजिश के तहत नामी कोचिंग सेंटर और पेपर हल करने वाले गैंग द्वारा पेपर लीक किया गया था. परीक्षा के दिन ही सीबीआई ने 4 आरोपियों और अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की थी . एफआईआर में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके परीक्षा में हेराफेरी की गई और एक कोचिंग सेंटर और गिरोहों द्वारा प्रति उम्मीदवार 50 लाख तक की राशि वसूल की गई थी. प्रारंभिक जांच ने इस तथ्य को संदेह से परे स्थापित किया है कि 12 सितंबर 2021 को आयोजित NEET UG 2021 प्रवेश परीक्षा में कपटपूर्ण साधनों और अनुचित प्रथाओं का उपयोग किया गया. याचिका में पिछले उदाहरणों का भी हवाला दिया गया था जब परीक्षा फिर से आयोजित की गई थी.

याचिका में बताया गया कि 2015 में, सुप्रीम कोर्ट ने CBSE को अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट ( AIPMT) के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था क्योंकि परीक्षा "अनुचित साधनों और कदाचार के उपयोग से दूषित हो गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव से "छात्रों में तनाव पैदा हुआ" और उन्हें तैयारी के लिए और समय चाहिए. हमें नए परीक्षा पैटर्न के लिए खुद को अनुकूलित करने के लिए कुछ और समय चाहिए क्योंकि यह परीक्षा देश भर में साल में केवल एक बार प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. हालांकि, NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने स्पष्ट किया था कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव पिछले शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षा 12 के छात्रों के लिए कम पाठ्यक्रम के कारण किया गया था

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