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लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर पढ़ें उनके 10 अनमोल विचार और नारे

Neemuch Headlines October 2, 2021, 7:41 am Technology

महात्मा गांधी के साथ-साथ 2 अक्टूबर को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय उत्तर प्रदेश में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री ने अपना संपूर्ण जीवन सादगी के साथ बिताया था। लाल बहादुर शास्त्री का पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। लाल बहादुर की शिक्षा हरीशचंद्र उच्च विद्यालय से हुई है। इन्होंने काशी विद्या पीठ से स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की, उसके बाद उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद का उत्तरदायित्व सौंपा था। लाल बहादुर शास्त्री ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। कई बार उन्हे स्वाधीनता आंदोलनों में अपनी भूमिका के लिए जेल भी जाना पड़ा था। लाल बहादुर शास्त्री अपने राजनीतिक क्षेत्र में गोविंद वल्लभ पंत और जवाहरलाल नेहरू से प्रभावित थे। देश की आजादी के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शास्त्री जी का पूरा जीवन ही लोगों के लिए एक आदर्श है। 26 जनवरी, 1965 को लाल बहादुर शास्त्री ने देश के जवानों और किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए ''जय जवान जय किसान'' का नारा दिया था। जिसका अनुसरण स्वतंत्र भारत आज भी करता है। लाल बहादुर शास्त्री ने इसी तरह कई नारा और अपने अनमोल विचारों से लोगों को प्ररित करने का काम किया है।

लाल बहादुर शास्त्री के जयंती पर पढ़ें उनके 10 विचार:-

- ''हम रहें न रहें ये देश मजबूत रहना चाहिए और ये झंडा लहराता रहना चाहिए।''

-''देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।''

-''हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।''

-'' अगर कोई व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।''

- '' अगर मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते। मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा, लेकिन यह मेरा निजी मामला है। राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है।''

- ''लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता है।''

-''जो शासन करते हैं, उन्हे देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंत में जनता ही मुखिया होती है।''

लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार:-

-''देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बिमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।''

-''आजादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।''

-''हम भले ही अपने देश की आजादी चाहते हैं, लेकिन उसके लिए ना ही हम किसी का शोषण करेंगे और ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखाएंगे।''

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