सिंगोली। आज से लगभग 10-12 वर्ष पुर्व नगरवासियों को शुद्ध पेयजल और नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित हो इस उद्देश्य को लेकर राज्य सरकार ने "आवर्धन जल प्रदाय योजना" पूरे प्रदेश भर मे स्वीकृत की थी। जिसके अंतर्गत नदियों, तालाबों एवं पानी के ऐसे जल स्रोत जिसमें वर्ष भर पानी जमा रह सकता हे या आवक रहती हो। उस पर पानी संग्रह करने के लिए कुऐ का निर्माण कर उक्त जल स्रोत से मोटर के द्वारा पानी को पास ही स्थित वाटर पंप स्टेशन (जल शोधन केंद्र) तक पहुंचना था। उसके बाद पूरे नगर मे पेयजल आपूर्ति होना थी।
जनता को शुद्ध जल मिले इसलिए इस योजना के अंतर्गत नाले - नालियों, एवं सीवरेज का पूरे नगर का गंदा पानी एवं कूड़ा- करकट जल स्रोत में आकर न मिले इसलिए अंडर ग्राउंड सीमेंट-कांकरिट के पाइप के माध्यम से जल स्रोत के किनारे-किनारे उक्त गंदे पानी को नगर के बाहर निकालना भी उक्त योजना में शामिल था। मध्यप्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना पूरे प्रदेश भर में कछुआ चाल के साथ - साथ सिंगोली नगर मे भी इसी तरह आगे बढ़ रही है। आठ करोड़ रुपए लागत की इस योजना के अंतर्गत नदी पर कुऐ का निर्माण, जल शोधन केंद्र एवं पूरे नगर में पाईप बिछाने का काम तो सालों पहले ही पूर्ण हो गया लेकिन नदी में गंदे पानी की निकासी बंद न होने के कारण उक्त सरकारी संपत्ति धीरे-धीरे कबाड़ के रूप में परिवर्तित हो रही थी। अभी कुछ दिनो पुर्व ही पाइप के माध्यम से नगर के गंदे पानी को बाहर निकालने के काम को किया गया परन्तु एक माह भी पुरा नहीं हुआ था कि गंदा पानी पुनः नदी में मिलने लग गया जिससे इस पूरी परियोजना पर संकट के बादल मंडराने लगे है। उक्त परियोजना के पूर्ण होने के बाद नगर वासियों को एक आशा की किरण दिखाई दी थी कि अब आने वाली गर्मी में नागरिकों को भारी जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन लगता है उनका यह सपना चकनाचूर हो गया है। परियोजना के शुरुआती चरण से लेकर खत्म होने के अंत तक नगर से लेकर प्रदेश स्तर तक इस योजना में भारी अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं। जो सिंगोली नगर मे सच प्रतीत होता हुआ मालूम पड़ रहा है। जमीन में पाइपलाइन बिछाने के निर्धारित मापदंडो (3 फिट गहरे) का कही पालन न होना तथा गंदे पानी की निकासी के लिए जो पाइप इस्तेमाल किए गए वह काफी छोटे एवं सकरे होने के कारण एक ही बारिश में उनमें मिट्टी - पत्थर एवं कूड़ा - करकट भर जाने से उक्त पाइप जाम तथा ओवर- फ्लो होने के कारण गंदा पानी पुनः नदी में जाने लगा है। उक्त बात आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल मे शामिल सुधीर गांधी, दीपक लसोड, और विक्रांत जैन ने एक संयुक्त प्रेस नोट के माध्यम से कहते हुए आगे बताया कि आज से 1 वर्ष पूर्व ट्रक से जब यह पाईप नगर में खाली हो रहे थे तभी नगरवासियों ने इनकी साईज देखकर इस योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया था। उक्त योजना के निर्माण के दौरान नगर पंचायत में भाजपा - कांग्रेस दोनो का शासन रहा राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत उक्त योजना को लेकर याद नहीं आता है कि इसमें हुई अनियमितता को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों में से किसी ने कोई लिखित शिकायत या आपत्ति दर्ज करवाई हो इससे यह लगता है की इस योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढाने मे सभी का समान सहयोग रहा हो? आम आदमी की आप पार्टी उच्च अधिकारियो से मांग करती है की शासन की महती योजना मे हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर दुध का दुध और पानी का पानी करे।