नीमच। नीमच कलेक्टर कार्यालय में 15 सितंबर को बड़ी संख्या में ग्राम रक्षक कोटवार एवं चौकीदार एकत्रित हुए विगत कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर आज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा। जिसमे मुख्य रूप से इन मांगो को सामने रखा गया।
1. कोटवार ग्रामीण क्षेत्र का सबसे छोटे कर्मचारी के रूप में सेवारत है व महंगाई को देखते हुये कोटवार को अपनी सेवा का मानदेय कॉफी कम देने से कलेक्ट्रोरेट मानदेय भुगतान किया जाये।
2. कोटवार सेवा खाता भूमि का मालीकाना हक के तहत समझकर कोटवार को सेवा खाते भूमि तरक्की काश्त के तहत अधिकार प्रदान कराया जाये।
3. प्रत्येक गांव में कोटवार की नियुक्ति हेतु कोटवार पृथक-पृथक पदस्थ किये जाये क्योकि एक गांव के कोटवार को 5 से 7 गांव के लिये कार्य सौंपने से कोटवार सही तरीके से अपनी सेवा में निपूर्णता नहीं रख सकता इसलिये एक कोटवार को एक गांव में जनसंख्या के मान से नियुक्त किया जाये।
4. कोटवार अपनी सेवा कर्तव्य निष्ठा से शासकीय कार्य में मदद कर रहा है अन्य दूसरे आय स्त्रोत हेतु अन्य कार्य नहीं करता तथा उसका परिवार इसी मानदेय पर निर्भर है किंतु जीरन तहसील के कोटवारो को अपना मानदेय 2 से 3 माह तक भुगतान न होने से कोटवार को अपने परिवार के आर्थिक तंगी के कारण परेशान होना पड़ रहा है इसलिये माह से माह मानदेय कोटवार को भुगतान हेतु आदेश संबंधित विभाग को प्रसारित किये जाए।
5. कोटवार के पद पर कार्यरत रहने वाले को शासन द्वारा वर्दी जो निर्धारित है जिससे कोटवार अपनी पहचान वर्दी से होती है जो वर्दी कोटवार को एक वर्ष में दो बार जारी की जाना न्यायोचित एवं न्याय संगत है।
6. कोटवार अल्प मानदेय है तथा सेवा खाते भूमियां भूपतियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार को दबाकर सेवा खाते भूमियां पर अवैध कब्जेधारी है जिन्हें कब्जे से मुक्त कर सेवा खाते भूमि कोटवार को कब्जे में दिलवाई जावे एवं सेवा खाता भूमि अनुपयुक्त है जिसमें पैदावार न होने से गिरधावरी करवाई जाकर कोटवार का मानदेय पूरा भुगतान हेतु आदेषित किया जाये।
इन्ही सब मांगो को लेकर समस्त कोटवारगण कोटवार संघ का ज्ञापन मुख्यमंत्री म०प्र०शासन के नाम कलेक्टर कार्यालय में तहसीलदार अजय हिंगे को सोपा गया।