नीमच। कृषि विज्ञान केन्द्र, नीमच में दिनाॅक 06 से 12 सितम्बर 2021 तक आर्या योजनान्तर्गत ग्रामीण नवयुवकों एवं कृषकों हेतु मसाला एवं औषधीय फसलों के मूल्य संवर्धन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नीमच, मनासा और जावद तीनों विकासखण्डों के 77 नवयुवकों एवं किसानों जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष थी, ने अपना पंजीयन कराया एवं प्रशिक्षण का लाभ लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण युवको में कृषि के प्रति आकर्षण लाकर मसाला एवं औषधीय उत्पादों का प्रसंस्करण कर मार्केट से लिंक कराके कृषि को लाभ का धंधा बनाना सिखाया गया। जिसके लिए मसाला फसलों जैसे धनियां, मैथी, जीरा, कलौंजी, अजवाइन, मिर्च, लहसुन, हल्दी, अदरक आदि एवं औषधीय फसले जैसे अश्वगंधा, ईसबगोल, सर्पगंधा, तुलसी आदि का प्रस्संकरण कर उत्पादों का स्वयं का ब्राण्ड /मार्का तैयार कर विपणन हेतु मार्केट से लिंक करने की समझाईश दी गई। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. सी. पी. पचैरी ने मसाला एवं औषधीय फसलों की उत्पादन तकनिकी बताते हुए उनकी उन्नत प्रजातियों, खाद एवं उर्वरक की जानकारी दी। केन्द्र की वैज्ञानिका डाॅ. शिल्पी वर्मा ने मसाला एवं औषधीय फसलों के मूल्य संवर्धन के विभिन्न आयाम जैसे मसाला फसल का चुनाव, इनके प्रसंस्करण की विभिन्न विधियां, प्रसंस्करण में उपयोगी मशीनें, प्रसंस्करित उत्पाद का रखरखाव आदि पर विस्तृत रुप से व्याख्यान दिए।
तकनीकी सत्र में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. पी. एस. नरूका, द्वारा समूह बनाना एवं बाजार से लिंक करना, उत्पादों की मार्केटिंग विषय पर जानकारी दी। डाॅ. एस. एस. सारंगदेवोत, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पौध संरक्षण ने फसलों के कीट व्याधि की पहचान एवं उनके नियंत्रण की जानकारी दी, डाॅ. जे. पी. सिंह, सस्य वैज्ञानिक द्वारा जैविक खेती एवं केचुआं पालन तथा यूको बैंक प्रबंधक प्रवीण इक्का द्वारा बैंक से प्राप्त सब्सीडियां एवं ऋण प्राप्त करना एवं एन.एच.आर.डी.एफ. के वी. के. सिंह द्वारा एनएचआरडीएफ की योजना के तहत लहसुन बीज उत्पादन कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। जिला उद्योग विभाग श्रीमती चंचल अग्रवाल ने उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उद्यानीकी विभाग के डी.डी.एच. सुभाष शर्मा ने उद्यानीकी विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं एक जिला एक उत्पाद के बारे में बताया। प्रत्येक व्याख्यान के बाद पाठयक्रम पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम एवं प्रायोगिक सत्र भी कराया गया। मासाला एवं औषधीय फसलों के मूल्य संवर्धन पर आर्या योजनान्तर्गत कार्यक्रम में कुल 15 व्याख्यान, 2 फिल्म शो एवं 3 मसाला संस्थानों की वेबसाईट का विजिट कराया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र एवं मसाला प्रसंस्करण संबंधी किट प्रदान की गई एवं केन्द्र पर स्थापित मिनीमल प्रोसेसिंग यूनिट एवं विभिन्न मसाला एवं औषधीय फसलों के कैफेटेरिया का भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम के समापन पर श्रीमती संयुक्ता पाण्डे ने सभी लाईन डिपार्टमेन्ट के अधिकारियों, प्रशिक्षनार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में हरिसिंह, सोहनलाल, हरिश एवं रेखा मेघवाल का विशेष सहयोग रहा।