कांग्रेस नेता तरूण बाहेती का आरोप- तबादला नीति खत्म,नीमच जिले को नए चिकित्सक तो नहीं मिले, पर जो थे, उनका भी हो गया स्थानांतरण

Neemuch Headlines September 8, 2021, 8:58 pm Technology

नीमच। कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने क्षेत्र के विधायकों एवं जनप्रनिधियों की कार्यप्रणाली और जिले के प्रति कर्तव्य पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार की तबादला नीति की समय सीमा खत्म हो गई है, लेकिन विडंबना यह है कि चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जूझ रहे नीमच जिले को नए चिकित्सक नहीं मिले हैं। हालात यह है यहां जो चिकित्सक पदस्थ थे,उनके भी स्थानांतरण हो गए हैं। कांग्रेस नेता बाहेती ने कहा नीमच जिले का दुर्भाग्य है कि यहाँ के चुने हुए जनप्रतिनिधि चिकित्सा जैसी सुविधाएं भी ढंग से नही दिलवा पा रहे है। चिकित्सकों के अभाव में गरीब लोगों को निजी चिकित्सक से या बाहर जाकर महंगा ईलाज करवाना पड़ता है लेकिन 17 साल की सत्ता के बाद भी विधायकगण चिकित्सकों की पूर्ति भी नही कर पा रहें। कोरोना की दूसरी लहर में जिले के जनता को सबसे अधिक कमी चिकित्सकों की खली। हालात यह थे कि एक चिकित्सक के भरोसे 50-50 मरीज थे, जिसका असर यह हुआ कि उपचार के अभाव में जिले में 500 से अधिक मौते हुई। वहीं आये दिन इलाज के अभाव में जिले में मौतें हो रही है । हाल ही में रामपुरा में ईलाज में भाव मे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। बाहेती ने कहा कि कोरोना का कोप कम पड़ने पर जब भी जनप्रतिनिधियों ने जिला चिकित्सालय का दौरा किया या फिर मीडिया से चर्चा की तो उनके समक्ष जिले में चिकित्सकों की कमी का मामला उठा, जिस पर जनप्रतिनिधियों का आश्वासन था कि नीमच जिले में एमडी चिकित्सक सहित अन्य चिकित्सको की पदस्थापना कराई जाएगी, लेकिन हालात यह हुए कि सरकार की तबादला नीति का समय पूरा हो गया और नीमच जिले में चिकित्सकों की पूर्ति नहीं हो पाई, जबकि दो चिकित्सकों के राजनीतिक दबाव के कारण नीमच से स्थानातंरण जरूर किए गए।

शिशुरोग विशेषज्ञ के पद खाली :-

बाहेती ने बताया कि नीमच शहर की आबादी करीब 1 लाख 80 हजार है, जिसमें 50 हजार से अधिक बच्चे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित करेगी, लेकिन विडंबना देखिए कि शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में नीमच में पदस्थ डॉ. बीएल रावत और डॉ. एमएल मालवीय का नीमच से तबादला हो गया है,लेकिन नए शिशु रोग विशेषज्ञ नीमच को नहीं मिले हैं। कांग्रेस नेता ने बताया कि वर्तमान में मौसमी बीमारियों से पीड़ित बच्चों के कारण जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड फुल हो चुका है और जूनियर डॉक्टरो के भरोसे बच्चों का उपचार किया जा रहा है।

महिला चिकित्सक एवं अस्थि रोग के पद खाली :-

जिला चिकित्सालय में लंबे समय से महिला चिकित्सको के पद रिक्त है। पूर्व में जो महिला चिकित्सक पदस्थ थी,वे नौकरी छोड़कर चली गई है, पर हालात यह है कि नई महिला चिकित्सको को पदस्थ करने अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। न ही तबादले के दौरान महिला चिकित्सक नीमच भेजी गई है। आलम यह है कि नीमच में जिला चिकित्सालय में लंबे समय से आपरेशन से होने वाली सेकेंड डिलेवरी नहीं हो रही है। इसका जवाब न तो प्रशासन के पास है और न ही जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास है। जिला चिकित्सालय में वर्तमान में हड्डी रोग चिकित्सक भी नही है।

एक मंत्री और दो विधायक, फिर भी डॉक्टरो का अभाव :-

कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने कहा कि जिले में तीन विधायक है, जिसमें एक मंत्री और दो विधायक है, लेकिन इनकी लचर कार्यशैली से 90 फीसदी विशेषज्ञ चिकित्सक के पद खाली है। जिला चिकित्सालय से लेकर पूरे जिले के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों और चिकित्सकर्मियों का अभाव बना हुआ है,पर नए चिकित्सक और स्टाफ की पदस्थापना नहीं हो रही है। जो पदस्थ है, वे भी दबाव में काम कर रहे हैं, जिसका नजारा कोविड काल में देखने को मिला। आलम यह है कि एक मंत्री और दो विधायक होने के बाद भी जिला चिकित्सालय में एक भी चिकित्सक को ला नही पाए ।जिले में कोई भी दुर्घटना, गंभीर बीमारी में रोगी जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता है, पर यहां आते ही बिना देखे मरीज को उदयपुर,अहमदाबाद या इंदौर रवाना कर दिया जाता है। बाहेती ने बताया कि जिला चिकित्सालय में चिकित्सा विशेषज्ञों के 31 पद स्वीकृत है, लेकिन विडंबना देखिए कि 31 में से 27 पद रिक्त पड़े हैं, सिर्फ 3 विशेषज्ञ ही पदस्थ है, जिनके भरोसे पूरा जिला चिकित्सालय है। आज जिले की खराब चिकित्सा व्यवस्था के जवाबदार जिले के तीनों विधायक है।

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