शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत में कोरोनावायरस कोविड-19 रोधी टीकों की प्रतिदिन 1.25 करोड़ खुराक दी जा रही है और यह संख्या कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। इसके लिए उन्होंने टीकाकरण अभियान में जुटे सभी कर्मियों की जमकर प्रशंसा भी की।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 टीकाकरण के लाभार्थियों से संवाद के बाद अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश की सौ प्रतिशत पात्र आबादी को कोरोना रोधी टीकों की पहली खुराक लगाए जाने को राज्य सरकार की कुशलता और जन-जन की जागरूकता का परिणाम बताया और कहा कि इसकी बदौलत ही यह पहाड़ी राज्य 100 साल की सबसे बड़ी, कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में चैंपियन बनकर उभरा है। ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां अब तक सभी पात्र लोगों को कोविड रोधी टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इस उपलक्ष्य पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब तक टीकों की 70 करोड़ खुराक लगा चुका है। उन्होंने एक बार फिर दवाई भी, कड़ाई भी के मंत्र का पालन करने का आह्वान किया।
देश में टीकाकरण की सफलता को नागरिकों की भावना और कड़ी मेहनत का परिणाम बताते हुए उन्होंने कहा, भारत प्रतिदिन 1.25 करोड़ टीकों की रिकॉर्ड गति से टीकाकरण कर रहा है। इसका अभिप्राय है कि भारत में एक दिन में टीकाकरण की संख्या कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता प्रत्येक भारतवासी के परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जो हिमाचल प्रदेश कभी छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए संघर्ष करता था वह आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। उन्होंने कहा, यह सब कुछ देवी-देवताओं के आशीर्वाद से, हिमाचल सरकार की कुशलता से और हिमाचल प्रदेश के जन-जन की जागरूकता से संभव हो पाया। हिमाचल प्रदेश ने एक टीम के रूप में काम करके यह उपलब्धि हासिल की है। 100 वर्ष की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध लड़ाई में हिमाचल प्रदेश चैंपियन बनकर सामने आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने न सिर्फ अपनी पूरी पात्र आबादी को कोरोना रोधी टीके की पहली खुराक दी है बल्कि दूसरी खुराक के मामले में भी वह लगभग एक तिहाई आबादी को टीका लगा चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की इस सफलता ने देश का आत्मविश्वास भी बढ़ाया है और आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है, यह भी याद दिलाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने सभी प्रकार की अफवाहों को खारिज किया और इस बात के गवाह बने कि देश का ग्रामीण समाज किस प्रकार दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण और सबसे तेज टीकाकरण अभियान को शत-शत आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लाहौल-स्पीति जैसे सुदूर जिले में भी हिमाचल शत-प्रतिशत प्रथम खुराक देने में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि यह वह क्षेत्र है जो अटल सुरंग बनने से पहले महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्त होते संपर्क का सीधा लाभ पर्यटन को भी मिल रहा है साथ ही फल-सब्ज़ी का उत्पादन करने वाले किसान-बागवान उत्पादकों को भी इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग कर हिमाचल की युवा प्रतिभाएं अपनी संस्कृति और पर्यटन की नई संभावनाओं को देश-विदेश में ले जा सकती हैं। हाल ही में अधिसूचित ड्रोन नियमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नियम स्वास्थ्य और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा, इससे नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। प्रधानमंत्री ने हिमाचल के किसानों और बागवान उत्पादकों से अगले 25 वर्षों के भीतर हिमाचल में कृषि को जैविक बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, धीरे-धीरे हमें अपनी मिट्टी को रसायनों से मुक्त करना होगा।
इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कुछ चिकित्सकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित कुछ स्वास्थ्य कर्मियों से भी बात की। इनमें से एक डॉक्टर राहुल ने बताया कि किन मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए उन्होंने टीकाकरण अभियान चलाया। डॉक्टर राहुल शिमला जिले के डोडरा क्वार सिविल अस्पताल में नियुक्त हैं। उनसे संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि टीके की एक शीशी से अगर 11 खुराक दी जाती है तो टीकों पर होने वाले खर्च में से 10 प्रतिशत बचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने मंडी जिले के थुनाग के टीकाकरण लाभार्थी दयाल सिंह से बात करते हुए टीकाकरण की सुविधाओं और टीकाकरण संबंधी अफवाहों से निपटने के तरीके के बारे में जानकारी ली, जबकि कुल्लू की आशा कार्यकर्ता निरमा देवी से टीकाकरण अभियान संबंधी उनके अनुभव के बारे में जानकारी ली। हमीरपुर की निर्मला देवी के साथ प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव पर चर्चा की और ऊना की कर्मो देवी के अनुभव सुने।
कर्मो देवी अब तक 22500 लोगों को टीका लगा चुकी हैं। पैर में फ्रैक्चर होने के बावजूद इस दिशा में अपना कार्य जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री ने उनके साहस की प्रशंसा की और कहा, कर्मो देवी जैसे लोगों के प्रयासों से ही दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम जारी है। लाहौल और स्पीति के नवांग उपशाक के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि उन्होंने लोगों को टीका लगवाने के लिए मनाने हेतु कैसे एक आध्यात्मिक नेता के तौर पर अपनी भूमिका का इस्तेमाल किया। साथ ही क्षेत्र के जनजीवन पर अटल सुरंग के प्रभाव पर भी चर्चा की। अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर देशवासियों से आग्रह किया कि वह टीकों की दोनों खुराक लेने के बाद भी सुरक्षा के सभी उपायों को अपनाएं, मास्क पहनें और दो गज की दूरी के मंत्र का पालन करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार बारिश और बर्फबारी के बाद लोग संभलकर चलते हैं, उसी प्रकार टीका लगाने के बाद भी संभलकर रहना है और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी है। इसके लिए मास्क और दो गज की दूरी के मंत्र का पालन करना बेहद जरूरी है|