नीमच। 6 सितंबर यानी सोमवार को भगवान महाकाल की भादो की आखिरी शाही सवारी निकाली जाएगी। इसका स्वरूप भी शाही ही रहेगा। इस दिन भगवान महाकाल की विशेष पूजा व श्रंगार किया जाएगा। ऐसा साल में केवल एक ही दिन किया जाता है। इस दिन के बाद अब अगले साल सावन के पहले सोमवार को ही भगवान महाकाल शिप्रा नदी के तट पर पहुंचेंगे। महाकाल मंदिर के पुजारी पं. आशीष ने बताया कि शाही सवारी के दिन भगवान महाकाल चंद्रमौलिश्वर और मनमहेश के अलावा उमा महेश, तांडव स्वरूप और होलकर कालीन मुखौटे के साथ रथ में सवार होकर निकलेंगे। चंद्रमौलिश्वर और मनमहेश सवारी के सभी दिन नगर भ्रमण पर निकलते हैं, लेकिन पांचों स्वरूप में केवल शाही सवारी के दिन ही निकलते हैं।