पालसोड़ा। जनपद पंचायत नीमच के अधीन आने वाली क्षेत्र की बड़ी ग्राम पंचायत है पालसोड़ा, जंहा शासन के लाखों रुपये की लागत से बने शासकीय भवन उद्घाटन के बिना खंडहर में तब्दील होते जा रहा है। जिस पर न किसी का ध्यान है न किसी को कोई परवाह, सवाल यह उठता है कि क्या शासन के पेसो को पानी तरह बहाकर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे या शासन के उपलब्धियों को गिनाने में इनको शर्म महसुस हो रही है। वर्तमान में बात की जाए तो पंचायत से लेकर प्रधानमंत्री तक भाजपा की सत्ता है ! और इसी सत्ता में आये विकास कार्य हेतु राशि जनता के कुछ काम नही आ रही है। कुछ भवन की बात करे तो जिसमे पशु भवन, पटवारी भवन, दूध डेयरी जैसे भवन आमजन के लिए तो बने लेकिन यह जनता के लिए कोई सरोकार नही है। वही बात करे तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जंहा आवासीय परिषर के लिए हज़ारो लाखो की राशि खर्च मरम्मत की गई वह भी अब खंडहर में तब्दील होते जा रहे है। जिस पर न तो किसी जिम्मेदार का ध्यान आकर्षित है न कोई सुनने वाला, सरकार बड़े-बड़े दावे कर जनता के हित में लाखों करोड़ों फूक देती है तो उसी के नुमाइंदे शासन की राशि को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। कई बार इस मामले को अवगत भी करवाया लेकिन टालमटोल में निकाला जा रहा है जब जनता के लिए लाखों रुपये खर्च कर विकास का ढिंढोरा पीटा जाता है तो वास्तविक में उन तक इन राशियों का कोई फायदा नही मिलता है। अब ऐसा माना जाए कि शासन के लाखों रुपये की राशि को उनके नुमाइंदे के लिए कोई महत्व नही रखती है ! क्यो की इन शासकीय भवनों को बने 7 से 8 साल हो गए, बनकर तैयार तो हो गए पर इनकी सुध लेने वाला कोई नही है !