नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के रूप में चिह्नित किए गए प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है। इस श्रेणी में एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के बने प्लेट, कप, मिठाई के डिब्बों पर और सिगरेट के पैकेट पर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक की परत भी शामिल हैं।
बारह अगस्त को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग की मोटाई 30 सितंबर 2021 से 50 माइक्रॉन से बढ़ाकर 75 माइक्रॉन की जाएगी और 31 दिसंबर 2022 से यह मोटाई 120 माइक्रॉन होगी। अधिसूचना में कहा गया, एक जुलाई 2022 से पॉलिस्ट्रिन और लचीले पॉलिस्ट्रिन सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक होगी।
प्लास्टिक की डंडी युक्त ईयर बड, गुब्बारे की प्लास्टिक से बनी डंडी, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप और आइसक्रीम की डंडी, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पॉलिस्ट्रिन (थर्मेाकोल), प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी जैसे कांटे, छुरी, चम्मच, चाकू, मिठाई के डिब्बों में इस्तेमाल प्लास्टिक, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर आदि पर रोक होगी।
पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणपद्ध तरीके से हटाए जाने वाले, चिह्नित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के दायरे से बाहर के प्लास्टिक कचरे को, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिकों द्वारा विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी के चलते एकत्र कर उसका पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन किया जाना चाहिए।