मानव को जीवन में धन पर नहीं अपने कर्म पर विश्वास होना चाहिए- पं. नरेन्द्र जी शर्मा

-विनोद पोरवाल August 11, 2021, 2:24 pm Technology

कुकड़ेश्वर। श्री कालेश्वर दरबार व राधा कृष्ण की पावन धरा कड़ी खुर्द में चल रही संगीतमय भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिवस पंडित श्री नरेंद्र जी शर्मा के मुखारविंद द्वारा व्यासपीठ से समस्त धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति मानव जीवन में कितना ही धन कमा ले, कितने ही ऊंचे महल चुनवा लें परंतु उसका जितना धन बढ़ता है उतनी ही परेशानियां बढ़ जाती हैं मानव जीवन को सार्थक व जीवन में संतोष अगर पाना है तो राम का नाम भगवान का सुमिरन भजन कर लो तो जीवन सार्थक हो जाता है और समस्याओं का हल होता है कलयुग में राम से बड़ा राम का नाम है इसलिए राम का नाम लिखा हुआ पत्थर पानी में तर जाता है तो जीवन कैसे सार्थक नहीं होता राम का नाम लेने से मानव जीवन भी तर जाएगा भवसागर से पार हो जाएगा इसलिए हमें राम कीर्तन करना चाहिए व्यक्ति अपने कर्म से बड़ा होता है ना कि ऊंचे महल बनवाने से राजा परीक्षित जी महाराज जब ऋषियों के समक्ष पधारें तो हजारों हजारों आयु वर्षों के ऋषियों ने अपने स्थान से खड़े होकर परीक्षित जी का स्वागत अभिनंदन किया इसलिए कर्म प्रधान है अच्छे कर्म करें और अधर्म से जुड़ा हुआ धन ना कमाए मानव जीवन में सच्ची उन्नति करना है तो धर्म से जुड़कर कर्म करें जो धर्म से कमाया गया धन है व धन हमारे घर परिवार में अन्न धन लक्ष्मी की कभी कमी नहीं आने देता है आज के युग में हर व्यक्ति के मन में बस एक ही बात रहती है कि मेरे बेटा हो बेटा हो परंतु अगर बेटी नहीं होगी तो बहू कहां से लाओगे बेटी है तो कल है बेटी दो परिवारों के कुल की रक्षा करती हैं 2 परिवारों को सवार लेती है इसी के साथ राजा दक्ष का वृतांत बताया श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिवस कथा प्रारंभ पर गांव के वरिष्ठ जनों व नगर पत्रकार संघ कुकड़ेश्वर के सदस्यों द्वारा महाआरती की गई ग्राम कड़ी खुर्द में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण महोत्सव की आयोजक समिति के सदस्यों ने क्षेत्र की जनता से निवेदन किया है कि आप अधिक से अधिक संख्या में पधार कर श्रीमद् भागवत कथा श्रवण महाआरती प्रसादी का लाभ लें।

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