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सावन का पहला प्रदोष व्रत आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा- अर्चना, नोट कर लें पूजा का शुभ समय

Neemuch headlines August 5, 2021, 8:02 am Technology

आज सावन का पहला प्रदोष व्रत है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। सावन माह में पड़ने वाले प्रदोश व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन का माह भोलेनाथ को अतिप्रिय होता है।

आइए जानते हैं सावन के पहले प्रदोष व्रत की पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व:-

श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ - 05:09 पी एम, अगस्त 05 श्रावण, कृष्ण

त्रयोदशी प्रारम्भ समाप्त - 06:28 पी एम, अगस्त 06

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प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है:-

प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत पूजा -विधि:-

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें। भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें। इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें।

किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान शिव की आरती करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें। खूब पैसा कमाते हैं ये राशि वाले, 'ऐशो- आराम' से जीते हैं जीवन

पूजा का शुभ मुहूर्त:-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:20 ए एम से 05:02 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:54 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:41 पी एम से 03:35 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 06:56 पी एम से 07:20 पी एम

अमृत काल- 07:42 पी एम से 09:27 पी एम

निशिता मुहूर्त- 12:06 ए एम, अगस्त 06 से 12:48 ए एम, अगस्त 06

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