केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को समग्र शिक्षा अभियान -2.0 को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में समग्र शिक्षा अभियान को एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने को मंजूरी प्रदान कर दी । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं को इस बारे में बताया कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 पर 2.94 लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे और इस राशि में केंद्र का हिस्सा 1.85 लाख करोड़ रूपये होगा। उन्होंने कहा कि इसके दायरे में सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे और 57 लाख शिक्षक आयेंगे । प्रधान ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान-2.0 योजना के तहत अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी तथा आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जाएगा।
समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के तहत स्कूलों में ऐसा समावेशी और खुशहाल वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है जो विविध पृष्ठभूमियों, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न अकादमिक क्षमताओं का ख्याल रखता हो। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके तहत चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका स्थापित करने के साथ शिक्षक पाठ्य सामग्री (टी एल एम) तैयार की जाएगी, साथ ही स्मार्ट कक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष सहायता की जरूरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से मानदेय की व्यवस्था, सीखने की प्रक्रियाओं की निगरानी, शिक्षकों की क्षमता के विकास एवं प्रशिक्षण कार्य पर खास ध्यान दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि इसके तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का दायरा बढ़ाने एवं उनका उन्नयन व ‘हॉलिस्टिक’ रिपोर्ट कार्ड की प्रक्रिया को लागू करने पर जोर दिया जाएगा।