राजस्थान में खत्म हो रहीं कांग्रेस और अशोक गहलोत की मुश्किलें, दिल्ली जाने के मूड में नहीं सचिन पायलट

Neemuch headlines July 31, 2021, 9:10 am Technology

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का संकट फिलहाल कम होता नहीं दिख रहा है। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने दिल्ली जाने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने यह बात पार्टी आलाकमान को बता दी है। आपको बता दें कि हाल ही में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और राहुल गांधी के करीबी केसी वेणुगोपाल ने जयपुर का दौरा किया था और विधायकों से बात की थी। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे पायलट को दिल्ली चलने के लिए मना लिया गया है।

सचिन पायलट के दिल्ली में एआईसीसी के साथ केंद्रीय भूमिका स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। राजस्थान की सियासी फिजाओं में इन दिनों अफवाहें तेज हो गई हैं कि सचिन पायलट को पार्टी के आलाकमान द्वारा दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस में शीर्ष पदाधिकारी के रूप में काम करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।

वहीं, अशोक गहलोत आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखेंगे। वहीं, सचिन पायलट 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान में रहने और पार्टी के लिए काम करने के इच्छुक हैं। राजस्थान सरकार में कई मौजूदा मंत्रियों को पार्टी संगठन में स्थानांतरित किया जा सकता है, क्योंकि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है।

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने शुक्रवार को कहा, "मैंने कई मंत्रियों से मुलाकात की, उन्होंने कहा कि वे अगले चुनाव में पार्टी के लिए काम करने के लिए मंत्री पद छोड़ने को तैयार हैं।" पिछले साल अशोक गहलोत के साथ अपने सार्वजनिक झगड़े के बाद दरकिनार किए गए सचिन पायलट खेमे के कई लोग एक साल से अधिक समय से पार्टी में हाशिए पर है। सचिन पायलट और राजस्थान के 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर राज्य छोड़ दिया था।

गांधी परिवार के द्वारा मध्यस्थता करने के बाद वे वापस आ गए थे।

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