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महंगाई के बीच कर्मचारियों को राहत:केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता 17% से बढ़ाकर 28% किया, 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा; फैसला 1 जुलाई से ही लागू

Neemuch headlines July 15, 2021, 7:50 am Technology

मोदी सरकार ने बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी के बीच केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता यानी DA 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया है। इसका फायदा 1 जुलाई 2021 से ही मिलेगा। कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर (CCEA) ने बुधवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी। सरकार के इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। इसके लिए सरकार लगभग 34,401 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

इससे पहले, कोरोना महामारी के कारण कर्मचारियों और पेंशनर्स का DA बढ़ाने पर जून 2021 तक रोक लगाई गई थी। ऐसे में ताजा फैसले से उन्हें फायदा होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को DA की 3 किश्तें मिलनी बाकी हैं। ये किश्तें 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को दी जानी थीं।

महंगाई भत्ता यानी DA क्या है?:-

महंगाई भत्ता सैलरी का एक हिस्सा होता है। यह कर्मचारी के बेसिक सैलरी का एक निश्चित परसेंट होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर्ड कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलता है।

DA के बाद सैलरी कैसे बदलेगी?:-

इसके लिए नीचे लिखे फॉर्मूला में अपनी सैलरी भरें.. (बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डेअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है। अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है। दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। अब बढ़े हुए 28% महंगाई भत्ते के लिहाज से देखें, तो यह 3080 रुपए हुआ। सबको जोड़कर आपकी टोटल सैलरी 14,080 रुपए हुई। पहले 17% DA के लिहाज से आपको 12,870 रुपए सैलरी मिल रही थी। अब DA में 11% इजाफा कर 28% करने से हर महीने 1210 रुपए का फायदा हुआ।

जून में होलसेल महंगाई दर 12.07% हुई:-

सरकार ने बुधवार को जून के थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, जून में होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) घटकर 12.07% पर आ गई, जो मई में लगातार 5वें महीने बढ़कर रिकॉर्ड 12.94% पर पहुंच गई थी। वहीं, जून 2020 में थोक महंगाई दर 1.81% थी। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक जून में थोक महंगाई दर 12% से ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह मिनरल ऑयल का महंगा होना है। इसमें पेट्रोल, डीजल, नेफ्ता समेत जेट फ्यूल शामिल हैं। इसके अलावा मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट जैसे बेसिक मेटल और फूड प्रोडक्ट के भाव भी बढ़े हैं।

खुदरा महंगाई दर लगातार दूसरे महीने 6% से ऊपर:-

देश में खुदरा महंगाई दर लगातार दूसरे महीने भी 6 फीसदी से ऊपर दर्ज की गई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसदी रही, जो मई के 6.3 फीसदी के स्तर से महज 4 आधार अंक कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक जून में फूड बास्केट में महंगाई की दर 5.15 फीसदी दर्ज की गई, जो मई में 5.01 फीसदी थी

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