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अगर नागरिकता वाला पेच नहीं फंसा तो डोमिनिका से सीधे भारत लाया जा सकता है मेहुल चोकसी, जानें कैसे?

Neemuch headlines May 27, 2021, 11:04 am Technology

पीएनबी घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी क्यूबा भागते वक्त रास्ते में ही डोमिनिका में पकड़ा गया है.

मेहुल चोकसी 23 मई की शाम को एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. उसके बाद उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी. हालांकि, उसके पहचान के एक शख्स ने दावा किया था कि वो क्यूबा भाग गया है. मेहुल चोकसी के पास एंटीगुआ की नागरिकता है और उसे डोमिनिका ने पकड़ा है. फिर भी उसके करतूतों से एंटीगुआ सरकार इतनी परेशान है कि उसने डोमिनिका की सरकार से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का अनुरोध किया है. अगर ऐसा होता है कि नीरव मोदी से पहले मेहुल चोकसी भारत आ सकता है.

लेकिन कैसे...? इंडिया टुडे को सरकार के सूत्रों ने बताया है कि "जिस वक्त मेहुल चोकसी को पकड़ा गया उस वक्त वो एंटीगुआ में नहीं था और वो डोमिनिका का नागरिक नहीं है. क्योंकि इंटरपोल की तरफ से मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, इसलिए डोमिनिका की सरकार सीधे उसे भारत को सौंप सकती है."

मेहुल चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है और वो पानी के रास्ते भागने की फिराक में था लेकिन जैसे ही वो डोमिनिका पहुंचा, उसे अधिकारियों ने पकड़ लिया. सूत्र बताते हैं कि डोमिनिका में डिटेन किए जाने के बाद से ही भारतीय एजेंसियां और अधिकारी उसे भारत वापस लाने के विकल्प तलाश रहे हैं. मेहुल चोकसी के डिटेंशन के बारे में सीबीआई को भी इंटरपोल से जानकारी मिली है.

कानूनी दांव पेंच फंसे तो... एंटीगुआ की सरकार पहले ही डोमिनिका की सरकार से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने का अनुरोध कर चुकी है. फिर भी अगर किसी तरह के कानूनी दांव पेंच फंसते हैं तो मेहुल चोकसी को एंटीगुआ को ही सौंपा जाएगा. उसके बाद वहां से ही प्रत्यर्पण होगा. जनवरी 2018 से फरार है

मेहुल चोकसी जनवरी की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था. इस मामले में 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन उससे पहले ही इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर भाग गए थे. तब से ही दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है.

नीरव मोदी ब्रिटेन में है और वहां के गृह मंत्रालय ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हालांकि, इसके खिलाफ नीरव मोदी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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