नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार सभी स्रोतों से टीकों की खरीद करे और सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोककर इसका पैसा टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जाए
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन नेताओं ने सभी देशवासियों को मुफ्त में टीका लगाने की व्यवस्था करने, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, 'पीएम केयर्स' कोष की पूरी राशि का इस्तेमाल जरूरी चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए करने और सभी बेरोजगारों को हर महीने 6,000 रुपये देने की मांग भी की है.
कांग्रेस की तरफ से सोनिया और जनता दल (एस) की तरफ से देवगौड़ा के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, डीएमके नेता एमके स्टालिन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने यह पत्र लिखा है. इनके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, भाकपा महासचिव डी राजा और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी यह साझा पत्र भेजने वाले नेताओं में शामिल हैं.
12 विपक्षी दलों की मांगे और कुछ सुझाव:-
इन नेताओं ने पत्र में कहा, "देश में कोरोना महामारी अप्रत्याशित स्तर के मानवीय संकट का रूप ले चुकी है. हमने अतीत में भी आपका ध्यान उन कदमों की ओर खींचा था जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से उठाया जाना और लागू किया जाना जरूरी है. दुर्भाग्यवश आपकी सरकार ने सभी सुझावों को नजरंदाज कर दिया या फिर मानने से इनकार कर दिया. इस तरह से स्थिति भयावह मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ गई."
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'केंद्र के स्तर पर वैश्विक और घरेलू सभी उपलब्ध स्रोतों से टीकों की खरीद की जाए. तत्काल पूरे देश में सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण की शुरुआत की जाए. टीकों के घरेलू निर्माण को बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस दिए जाएं. बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रुपये टीके के लिए खर्च किए जाएं. सेंट्रल विस्टा परियोजना पर रोक लगाई जाए. इसके लिए तय राशि का इस्तेमाल ऑक्सीजन और टीके की खरीद में किया जाए. बिना लेखा-जोखा वाले ट्रस्ट फंड पीएम केयर्स में मौजूद सारी राशि का इस्तेमाल टीके, ऑक्सीजन और जरूरी चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए किया जाए.'
उन्होंने कहा, 'सभी बेरोजगार लोगों को 6,000 रुपये महीने दिए जाएं. जरूरतमंद लोगों को केंद्र सरकार के अन्न गोदामों से अनाज मुहैया कराया जाए. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि लाखों अन्नदाता महामारी से बच सकें और भारतीय नागरिकों को खिलाने के लिए अन्न पैदा कर सकें. हम उम्मीद करते हैं कि भारत और हमारी जनता के हित में इन सुझावों को आपकी तरफ से सराहा जाएगा.'