शरीर में कोई प्रक्रिया हो रही है तो उसका असर आपको महसूस होगा ही और जब कोई प्रक्रिया पीरियड के समान गंभीर है तो अहसास और भी ज्यादा होना लाजिमी है। ये आपके पेट में यूटेरस से आतंरिक परत झड़ने का समय है। इस प्रक्रिया के कारण आपको अधिक पसीना, चक्कर से लगना, कमजोरी लगना, किसी काम की इच्छा न होना, ब्रेस्ट में बदलाव लगना, मूड बदलना और पीठ या पेट में दर्द भी झेलना पड़ते हैं।
जब साबित हो चुका है कि पीरियड मुश्किलों से भरे दिन हैं तो अपने ही कुछ कामों या आदतों से इन दिनों की परेशानियों में बढ़ोत्तरी क्यों की जाए। आप भी ऐसा शायद कर रही हों क्योंकि आपको पता ही नहीं कि आपके ऐसे कौन से काम हैं जिनके कारण आप खुद ही अपना दर्द बढ़ा रही हैं।
जानिए ऐसी 6 आदतें जो आपके ज्यादा दर्द की वजह हैं|
कम नींद:-
रात में बढ़िया नींद कितनी जरूरी है इससे हर कोई वाकिफ है। रात में ली गयी मीठी नींद सेक्स हॉर्मोन्स को ठीक रखती है। अगर नींद कम हो रही है तो आपका शारीरिक सिस्टम बिगड़ सकता है जिसका परिणाम अनियमित और लंबे चलने वाले पीरियड के रूप में सामने आ सकता है। सोने जाने के पहले मोबाइल चलाने पर आपको स्ट्रेस की समस्या हो भी सकती है। इससे पीरियड का दर्द बढ़ सकता है।
2. कैफीन ड्रिंक्स : -
कैफीन ड्रिंक्स मतलब कॉफी का सेवन। पीरियड में कॉफी पीने को लेकर पहले ही आमतौर पर महिलाएं सही तथ्य नहीं जानतीं, ऐसे में पीरियड के दौरान कॉफी पिएं कि न पिएं इसे लेकर संशय रहता है। कैफीन का आप पर कैसा असर होगा यह पूरी तरह से आपके शरीर पर निर्भर करता है। अमेरिका के पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कॉफी पीने पर महिलाओं को ज्यादा दर्द झेलना पड़ा।
3. स्मोकिंग :-
एक सर्वे में धूम्रपान करने वाली महिलाओं पर एक खास बात साबित हुई। इन महिलाओं ने माना कि पीरियड के दिनों में स्मोकिंग करने से उन्हें अधिक ज्यादा दर्द महसूस हुआ। इस सर्वे से यह साबित हुआ कि अगर स्मोकिंग की आदी महिलाएं उन दिनों में धूम्रपान कम करें या बंद कर दें तो उनके पीरियड कम दर्दभरे थे।
4. अल्कोहल या शराब :-
अल्कोहल न सिर्फ आपके शरीर में पानी की कमी कर देता है बल्कि इसके सेवन से मैग्नेशियम का स्तर भी कम हो जाता है। मैग्नेशियम की कमी से भी दर्द में बढ़ोत्तरी होती है। शराब या अल्कोहल के बाद आने वाले लक्षण जैसे हैंगओवर, सिरदर्द, मूड चैंज आपके पीरियड के लक्षणों के साथ मिलकर मुश्किल को दुगुना कर देते हैं। इस दौरान शराब न पीएं तो बेहतर है।
5. शक्कर :-
दर्द शुरू हुआ आपने मन बना लिया कि अब आराम के साथ कुछ मीठा खाना है लेकिन शुगर की ज्यादा मात्रा आपके शरीर में इन्सुलिन बढ़ा सकती है। आपको डायबिटीज ने होने पर भी उन दिनों में इन्सुलिन का बढ़ा स्तर आपके शरीर में एस्ट्रोजन-टेस्टोस्टेरो-प्रोजेस्टेरोन बैलेंस बिगाड़ सकता है। इससे आपको ज्यादा गुस्सा आना, चिढ़चिढ़ापन, मूड स्विंग जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
6. स्ट्रेस : -
स्ट्रेस का मतलब है कि आपका मन भारी है, दिमाग में हलचल है, कहीं काम में दिल नहीं लगता। ऐसी मुसीबत के समय में पीरियड और आ जाएं तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। स्ट्रेस का मतलब आप पहले ही परेशान हैं और ऐसे में पीरियड का दर्द झेलना आपके लिए और ही मुश्किल हो जाएगा। अगर आप ऐसी स्थित से जूझ रहे हैं तो मेडिटेशन, आर्ट प्रेक्टिस, कोई फन एक्टिविटी या योगा का सहारा लें।