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जावद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने लगभग 17 किलोमीटर की किसान जनजागरण पदयात्रा की

हबीब राही February 17, 2021, 7:45 pm Technology

जावद। गेस, पेट्रोल, महंगाई एवम कृषि विरोधी काले कानून के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार एवम जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजकुमार अहीर के नेतृत्व में व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के बैनर तले ग्राम मेघपुरा से अठाना तक किसान जनजागरण पदयात्रा निकली गई। पदयात्रा बुधवार को प्रातः 8 बजे से ग्राम मेघपुरा से शुरू हुई जो गुजर्रखेड़ी सांखला, गुठलाई, तुम्बा एवम अठाना तक निकाली गई व अठाना में आमसभा हुई।

आमसभा को सम्बोधित करते हुए किसान नेता राजकुमार अहीर ने कहा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कई जगह किसान जनजागरण पदयात्रा निकाली जा रही है। हमने भी ब्लाॅक कांग्रेस के बेनर तले जावद ब्लॉक के ग्रामो में पदयात्रा निकाली एवं किसानो को जागृत करने के लिए एवं कृषि कानून जो की काले कानून है उन्हे समझाया। इस कानून का नाम कृषि कानून जरूर है लेकिन यह किसानो के हित के लिए नहीं बना है यह सिर्फ अड़ानी और अम्बानी कानून बना है। जब हमारा देश कोरोना से जुंज रहा था तब केन्द्र की सरकार ने इस काले कानून को विधानसभा ओर लोकसभा में पास करवाया। जबकी इस कानून को राज्यसभा में भेजा नहीं गया। यहां तक की इस कानून का विधानसभा में कांग्रेेस विधायको ने विरोध किया तो उन्हे बर्खास्त कर दिया गया। भाजपा किसान कानून के नाम से किसानो को अडानी और अम्बानी के यहा गिरवे रखना चाहती है। एमएसपी में जब गेहू 1975 रूपये में बिका और आज 1600 रूपये में बिक रहा है। एमएसपी में जब मक्का 1400 रूपये में बिकी ओर अब 600 रूपये में बिक रही है। अडानी और अम्बानी किसानो का शोषण कर रही है किसाना के विभिन्न फसले कम मुल्य में खरीदकर बड़े बड़े माॅल में अधिक मुल्य में फसल बेची जाएगी। पण्डित जवाहर लाल नेहरू से समय देश में जब अकाल पड़ता था अनाज की कमी रहती थी तब अमेरीका सड़ा हुए लाल गेहू भारत को देता था जो की जानवर भी नही खाते है।

पुर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जब यह हालत देखी तो बड़े-बड़े बांध बंधवाए, सिचाई की पुरी व्यवस्था करवााई और किसानो को मजबुत बनाया और पंजाब-हरियाणा के किसानो ने पुरे देश को आत्मनिर्भर बनाया। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानो की बात की है। आज देश के प्रधानमंत्री किसानो की नही सोचते है बल्कि बड़े बड़े उद्योग पतियो के बारे में सोचते है। देश की विभिन्न सिमाओ में किसान कईं दिनो से आंदोलन कर रहे है कई किसान भाई इस आंदोलन में शहीद हो गए है। किसान पुरी ताकत के साथ आंदोलन को लगातार जारी रख रहे है हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी तक काले कानून को वापस लेने की नहीं सोची। सुप्रिम कोर्ट में शामिल प्रतिनीधी भुपेन्द्रसिंह ने इस्तेफा दे दिया ओर कहा की मैं किसानो के साथ हूॅ। यह कानून किसानो के हित में नहीं है, कांग्रेस पार्टी हमेशा किसाना के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। जिस राज्य में कांग्रेस की सरकार है वहां यह काला कानून लागू नहीं किया जा रहा है। काॅनटेक्ट फार्मिक के तहत किसान अनाज पैदा करता है और किसी कारण उसकी फसल खराब हो जाती है तो एर्गीमेंट करने वाला किसान की फसल नहीं खरीदेगा ओर यहा तक की किसान को कोर्ट में अपनी समस्या रखने का अधिकार भी नहीं है, केवल एसडीएम तक अपनी बात रख सकता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ नेतृत्व में हम जगह जगह इस काले कानून का विरोध कर रहे है। हम इस काले कानून को लेकर गांव गांव की चोपालो पर जाकर किसानो को जागरूक करने का काम कर रहे है। यह काला कानून लाॅक डाउन के समय लागू किया गया था ताकी जगह जगह के किसान सड़को पर ना उतरे आज इस कानून को कांग्रेस पार्टी किसानो को समझा रही है काले कानून के विरोध में किसान आज सड़को पर उतकर कर आंदोलन कर रहा है। यह काला कानून किसानों के ऊपर जबरन थोपा जा रहा है। अहीर ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में जब कमलनाथ सरकार थी तब पेट्रोल के भाव लगभग 62 रुपये के आसपास था और आज पेट्रोल 100 रुपये से ऊपर चला गया जिससे माध्यम वर्गीय परिवारों के जेबो पर बहुत असर पड़ा। कमलनाथ सरकार ने कृषि के बिल को आधा किया। घर के बिल 100 यूनिट 100 रुपये किया। कई पंचायतों में गोशालाओं का निर्माण करवाया। सरकारी मंदिरों के पुजारियों की तनख्वाह बड़ाई, विवाह सहायता बड़ाई, विधवा पेंशन बड़ाई। ओलावृष्टि में पूर्ण मुआवजा दिया। जन जागरण पैदल यात्रा में जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अहीर, जावद ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश अहीर, कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष नीलेश रावल, पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस दिनेश धनगर, युवा कांग्रेस विस् अध्यक्ष देवेंद्र पाटीदार, अरविंद बग्गड़ पूर्व पार्षद, फजले नबी छिपा पूर्व पार्षद, प्रितेश भट्ट, दिनेश नरवानिया, कोमल भटेवरा, मधुसूदन पांडे, रवि शास्त्री, नरेश गिर, यशपाल भटेवरा, भय्यू मंसूरी, रईस बेहलिम, रमेशचंद कछावा, लालाराम, देवीलाल कच्छावा, ज्ञानमल, श्यामलाल, गोवर्धनलाल, उदयराम, भेरुलाल, भेरुलाल धोबी, इंदरमल गुजर, चुनीलाल, प्रेमचंद्र, उदयचंद कोली, देवीलाल धोबी, ख्यालीराम धनगर, तेजसिंह राजपूत, राहुल अहीर, नीरज पंचोली, पंकज एरन, राधेश्याम बैरागी, अभिलाष जटिया, पूर्व सरपंच रामबख्श, कल्लूसिंह चौहान, दिलीप नाथ, नानालाल जटिया, उदयदास बेरागी मोहनलाल नायक, सुधीर सेन, रवि राठौर, लक्ष्मण नायक महाराज, जगदीश राठौर, गोपाल चोहरा, पप्पू पाल, डॉ राजू पाल, नगर अध्यक्ष सरवानिया कंवरलाल पाल, कन्हैयालाल पूर्व पार्षद, जाकिर मंसूरी, अशोक राठौर, हबीब राही, महेंद्र राजपूत आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

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