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आयुक्‍त भू-अभिलेख म.प्र.द्वारा फसल गिरदावरी के संबंध में नये निर्देश जारी किए गए है

Neemuch Headlines February 17, 2021, 7:11 pm Technology

नीमच। फसल गिरदावरी के आंकडे फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, फलस ऋण, कृषि ऋण , सरकार के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य योजना, भावांतर योजना, आरबीसी 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत फसल हानि की स्थिति में राहत प्राप्‍त करने आदि के लिए अंत्‍यत महत्‍वपूर्ण है। आयुक्‍त भू-अभिलेख म.प्र.द्वारा फसल गिरदावरी के संबंध में नये निर्देश जारी किए गए है। तदानुसार कृषक अपनी भूमि पर उगाई गई फसलों की जानकारी स्‍वयं राजस्‍व विभाग के एमपी किसान एप, लोकसेवा केंद्र, एम.पी.ऑनलाईन, नागरिक सुविधा केंद्र(सी.एस.सी.) के माध्‍यम से भी भू-अभिलेख में दर्ज कराई जा सकती है। उक्‍त स्‍वघोषणा में कृषक द्वारा दी गई जानकारी का सत्‍यापन राजस्‍व अमले के द्वारा किया जायेगा। दावे आपत्तियों की सुनवाई:- गिरदावरी की प्रक्रिया सम्‍पन्‍न होने बाद, पटवारी द्वारा तहसीलदार को जानकारी प्रदान की जावेगी, जो इसे अपने कार्यालय और अन्‍य स्‍थान जहां वह उपयुक्‍त समझता है, में दावों और आपत्तियों के लिए प्रदर्शित करेगा। यदि कोई दावा और आपत्तियां प्राप्‍त होती है, तो तहसीलदार जांच उपरान्‍त पटवारी द्वारा प्रदान की गई जानकारी में बदलाव कर सकेगा। तहसीलदार के लिए उन सभी प्रकरणों के लिए जांच करना अनिवार्य होगा, जहां किसान द्वारा प्रदान की गई जानकारी पटवारी द्वारा प्रदाय की गई जानकारी में भिन्‍नता है। तहसीलदार द्वारा संशोधित सूची को अंतिम माना जाएगा और उगाई गई फसल का विवरण भूमि अभिलेखों में दर्ज किया जाएगा और इसे अंतिम प्रविष्टियों के रूप में माना जाएगा। इसके बाद जानकारी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

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