नीमच। स्कीम नं. 36 ए में जय दुर्गा महिला मंडल द्वारा 8 से 14 जनवरी तक 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का आयोजन करवाया जा रहा है। उक्त
कथा का आयोजन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक पंड़ित नरेन्द्र शास्त्री (कचौली वालें) के मुखारविंद से करवाया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन शनिवार कथा का वाचन करते हुए कथा वाचक पंड़ित नरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से ही जीवन का कल्याण हो जाता है। भागवत किसी पौथी पुस्तक का नाम नहीं है, बल्कि भगवान का स्वरूप है तथा सभी वेदों का उपनिषदों का सार है एवं काल के भय से मुक्त करके, मृत्यु को मंगलमय बनाने वाला विशुद्ध प्रेम शास्त्र है।
पंडित शास्त्री जी ने कहा कि कथा का श्रवण करने के भी नियम होते हैं। भागवत में 5 नियमों को बताया गया है। सुन्दर स्थान, भजन सर्कीतन, मन का एकाग्र होना, घर के कार्य को छोड़ना, निंद्रा न निकालना। कथा को समझना है तो ध्यान को एक जगह केन्द्रित करके रखना पड़ता है, क्योंकि मन चंचल होता है कभी घर पर तो कभी प्रभु की भक्ति में लीन रहता है। इसलिए प्रभु की भक्ति करना है तो घर के कार्य को घर पर ही छोड़ देना चाहिए। बार बार यह नहीं सोचना चाहिए की घर पर कैसे, क्या हो रहा होगा। वर्ष में एक बार दान पुण्य अवश्य करना चाहिए। सतसंग, कथा भी करवा सकते है। प्रभु श्रीकृष्ण तो तीनों लोकों के स्वामी हैं वे जगतगुरू हैं।
कथा के दौरान पंडित शास्त्री द्वारा जब मेरा तार से जोडे के ऐसे कोई संत मिले..., मीठे रस से भरीयारी राधा रानी लागे..., सांवरिया सेठ देदे थारों भरीयों भण्डार..., भजन की प्रस्तुति दी गई तो युवतियां और महिलाएं जमकर थिरक उठी। अंत में आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर महिला मंडल अध्यक्ष चंद्रकांता मेहरा, उपाध्यक्ष शांति राठौर, सचिव मनीषा त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष राजकुमारी राठौर, चांदनी राजहंसवानी, इंद्रा बैरवा, सोनू शर्मा, किरण शर्मा सहित महिला मंड़ल की कई पदाधिकारी महिलाएं उपस्थित रही