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ग्राम पंचायत जमुनियाकला हल्का नंबर 11 के खसरा नंबर 56 से लगे 45 नंबर आम रास्ते पर अतिक्रमण की शिकायत पर सीमांकन आज दिनांक 14 को लगभग तय

करण नीमा बाबा December 14, 2020, 8:53 am Technology

 नीमच। लंबे समय से चली आ रही 45 नंबर शासकीय आम रास्ते की शिकायत का अब निराकरण किनारे पर

पूर्व भूमि स्वामी अग्रवाल द्वारा उद्योगपति को 56 नंबर भूमि का विक्रय करने बाद जो 45 नंबर आम रास्ता विवादों के घरों में घिरा की जिसकी आम नागरिकों द्वारा हर संभव प्रयास कर शिकायतों से लेकर प्रेस नोट तक जारी किए तब जाकर कहीं नतीजा सीमांकन तक पहुंचा हालांकि पूर्व में दो-दो बार पंचनामा बन चुके और पटवारी द्वारा सीमांकन के लिए 45 नंबर आम रास्ते से जुड़े कृषकों के हस्ताक्षर कर आवेदन पर सहमति प्रदान कर संबंधित विभाग से सीमांकन की मांग भी की गई परंतु काफी मशक्कत एवं शिकायतों के बाद अधिकारी वर्ग हरकत में आए

लेकिन कुछ 45 नंबर आम रास्ते से जुड़े कृषकों को सूचना नोटिस अब तक तमिल नहीं करवाए कि सीमांकन के समय मौके पर उपस्थित रहकर विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई मैं अधिकारियों का मार्गदर्शन करें इस कारण 45 नंबर से लगे कृषक सत्यनारायण शर्मा के अधिवक्ता राजकुमार शर्मा द्वारा बताया गया यदि संबंधित विभागीय अधिकारियों ने अगर सीमांकन में पक्षपात करते हुए गलत सीमांकन किया तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जावेगी इस संबंध में अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने बताया कि वह इससे संबंधित दस्तावेज सम्मित कर चुके हैं उचित निराकरण नहीं होने की दशा में आगामी कार्रवाई की ओर अग्रसर है

शिकायत करताओ से रूबरू होने पर बताया गया है कि जिस शासकीय हुए को 56 नंबर भूमि के अंदर ले लिया गया है दरअसल वह आम रास्ते के अंदर है एवं लगभग शासकीय कुएं से छोड़कर 8 से 10 फीट अंदर से 56 नंबर भूमि है अब देखना यह है कि सीमांकन करने आए अधिकारी वर्ग निष्पक्ष रुप से अपने पद का निर्वहन करते हैं या फिर बेखोफ खुला भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है यदि निष्पक्ष रूप से कार्रवाई होते हुए 45 नंबर आम रास्ता पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त होता है तो उद्योगपति द्वारा पूर्व भूमि स्वामी के लाखों रुपए जो बहुमूल्य शासकीय भूमि के अतिक्रमण को कब्जे में आने तक रोके गए हैं उससे पूर्व में स्वामी वंचित रह सकता है यदि पक्षपात करते हुए सीधे-सीधे आम रास्ता की बहुमूल्य शासकीय भूमि अगर उद्योगपति की झोली में जाती है तो अच्छी खासी मोटी रकम संबंधित विभाग के अधिकारियों मे बट सकती है।

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