भाजपा कांग्रेस दोनो मे दावेदारों की भरमार, कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस ने मारी है बाजी
सिंगोली। हालं ही में मे हुए नगर निकायों की सीटो के आरक्षण के बाद पूरे प्रदेश में राजनैतिक दलों मे सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा उप चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित हैं वही कांग्रेस उप चुनाव में मिली हार से सबक लेकर हर तरह से सतर्क ओर सावधान होकर नगर निकाय चुनाव के लिए तैयार दिखाई दे रही है। आरक्षण तय होने के बाद दावेदारों की सक्रियता अपने आप पुरे प्रदेश में बढ़ गई है। प्रदेश में नीमच जिला हर चुनाव को लेकर सुर्खियों में रहता आया हे।
ओर यु देखा जाये तो नीमच जिला भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है । नगर निकायों के चुनाव को लेकर नीमच जिले में भाजपा अपनी सरकार के जन हितैषी कार्यो ओर अपने मजबूत संगठन के आधार पर मैदान में आने को तैयार है। वहीं कांग्रेस भी इस चुनाव में अपना दम दिखाने के लिए पुरी तरह तैयार है। नगर परिषद चुनाव को लेकर हम बात करते हैं मध्यप्रदेश के अंतिम छोर वाली सिंगोली नगर परिषद की जहां नगर परिषद चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। यहाँ की नगर परिषद आरक्षण मे सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने से दावेदारों की भरमार दिखाई दे रही है। हर कोई अपनी दावेदारी की बात करता दिखाई दे रहा है। नगर परिषद सिंगोली के रहवासियो का मिजाज भी तिखा होना स्वाभाविक माना जा रहा है।
क्योंकि सीट जो सामान्य आ गई है? सभी का मानना है कि इस चुनाव मे मतदाताओं की पुछ परख अच्छी खासी रहेगी।
पिछले तीन चार चुनावो को देखा जाये तो यहाँ पर भाजपा ओर कांग्रेस मे हर बार मुकाबला कश्मकश का ही रहा है । चंद वोटो से यहाँ हार जीत का फैसला होता रहा है।
जिसमे पिछले चार चुनाव में दो बार भाजपा तो दो बार कांग्रेस सफल रही है। मुकाबला इस बार के चुनाव मे भी बहुत ही तगड़ा होकर रोमांचक रहेगा ऐसा सभी का मानना है। दावेदारों की लम्बी लाईन दोनों ही दलो की बन रही है। देखना यह है कि दोनो ही दल भाजपा ओर कांग्रेस किसके माथे पर हाथ रखते हैं। चुनाव की सही तस्वीर तो उम्मीदवार तय होने के बाद ही सामने आयेगी।
कौन होगे चुनावी क्षत्रप :-
चुनावी क्षत्रपौ की बात करे तो भाजपा की चुनावी कमान क्षैत्रिय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के हाथ होगी वही कांग्रेस की बात करे तो इसमे राजकुमार अहिर ही मुख्य रूप से कमान सम्भालेगे।
प्रभाव अपना अपना:-
बात करे हम प्रभाव की तो भाजपा से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा का पुरे विधानसभा क्षैत्र में अपना एक अलग ही प्रभाव रहा है। इसीलिए पिछले चार चुनाव वो लगातार जीतते आये हैं ओर इस चुनाव के बाद जो उन्होंने अपने व्यवहार ओर काम तरीके मे जबरदस्त बदलाव किया उससे उनका प्रभाव क्षैत्र में बढ़ा ही है जिसका फायदा नगर परिषद चुनाव मे भाजपा को मिले इसमे कोई संसय नहीं है। कांग्रेस की कमान संभालने वाले राजकुमार अहिर का प्रभाव भी क्षैत्र में कम नही है उनकी जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ कांग्रेस के लिए लाभदायक साबीत हो सकती है वही कांग्रेस के 14 माह के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं के काम नही होने तथा कर्जमाफी नही होने का नुकसान कांग्रेस को हो सकता है।
कौन कौन दावेदार हैं लाईन में:-
भाजपा से दावेदारों की बात करे तो पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक सोनी विक्रम सासंद प्रतिनिधि राजकुमार मेहता नगर भाजपा अध्यक्ष निशांत जोशी पूर्व पार्षद सुरेश बगड़ा ओमप्रकाश पाराशर सहित नये समीकरण को देखते हुए पूर्व विधायक दुलीचंद जैन के परिवार से उनके पुत्र प्रदीप जैन या पौत्र विशाल पिछोलियां है प्रबल दावेदार ।
कांग्रेस के दावेदार :-
कांग्रेस के दावेदारों की बात करे तो ब्लाक अध्यक्ष बनवारी जोशी पूर्व ब्लाक अध्यक्ष संजय तिवारी पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अशरफ मेव गुड्डू ब्लाक उपाध्यक्ष ज्ञान मल भण्डारी युवा नेता राजेश भण्डारी अंकित हरसौरा संजय नागौरी एडवोकेट वरिष्ठ नेता शौभाग मल नागौरी के पुत्र राजेश नागौरी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
देखना यह है कि भाजपा ओर कांग्रेस किसके माथे पर हाथ रखती हैं किसके माथे पर उम्मीदवार होने का तिलक लगेगा यह सब भविष्य के गर्त में है। फिलहाल तो लोगो मे चौराहे की चर्चा का दौर जारी है ओर दावेदारों द्वारा लोगो की मानमनुहार के साथ रामा सामी शुरू हो गई है।