नीमच। नीमच जिले की जावद तहसील का पंचायत मुख्यालय गांव जनकपुर कई मायनों में अपनी आदर्शता के लिए पहचाना जाता हैं। स्वप्रेरणा से आबादी नियंत्रण, जन सहयोग से जल संवर्धन, उन्नत ओर प्रगतिशील कृषि, सरकार के साथ हर प्रकार से जनसहयोग कर गांव विकास के कई मोर्चो पर जनकपुर अपनी पहचान स्थापित कर चुका है।भारतीय संस्कृति संरक्षण और नई पीढ़ी में हस्तांतरण में भी जनकपुर की अनोखी परम्परा हैं।जो गोवर्धन पूजा दिवस पर अन्नकूट निर्माण के दौरान देखने को मिली।
यहाँ पर अन्नकूट प्रसादी निर्माण का पूरा जिम्मा यहाँ से विदेश सहित देश प्रदेश के विभिन्न शहरों में रह रहे युवाओं पर रहता है। ये लोग नई पीढ़ी के साथ मिलकर, पुरानी पीढ़ी का मार्गदर्शन लेकर स्वंय के हाथों से अन्नकूट तैयार करते है। इस वर्ष यह परम्परा प्रदेश के वृत बैतूल के सहायक आयुक्त अधिकारी युवराज पाटीदार, गुजरात के आनन्द में कृषि प्रोफेसर धर्मेन्द्र पाटीदार, उदयपुर इंदौर में चार्टेड अकॉन्टेन्ट अरविंद पाटीदार, सेना के लांस नायक राजेंद्र पाटीदार, मन्दसौर में पुलिस में सेवारत कांस्टेबल महेश पाटीदार, पटवारी दीपक भूत, यमुना प्रसाद पाटीदार नीमच जनक आउट बीट संस्था के सदस्य सहित अनेक शिक्षकों ने निभाई। पूर्व सरपंच रामनिवास फाकरिया ने नीमच हेडलाइंस को बताया कि गांव से विदेश सहित देश प्रदेश के विभिन्न शहरों में 15 से अधिक युवा विभिन्न सेवाओं के द्वारा गांव और जिले का नाम रोशन कर रहे है। ये सभी जिस भी त्योहार को यहाँ आते हैं, संस्कृति के अनुसारअपनी तय जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं। सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी ब्रजनेहरु पाटीदार ने बताया कि संस्कृति संरक्षण की जनकपुर की प्रथा अनोखी है।यही परम्परा इन सभी युवाओं को आपस मे जोड़े हुए हैं।
ये सभी युवा गांव को विभिन्न क्षेत्रों में ओर विकसित बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।