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मिठाई के निर्माण की तारीख व उपयोग की अवधि की जानकारी प्रदर्शित नहीं कर खुले आम उड़ रही धज्जिया

नरेंद्र कुशवाह November 5, 2020, 8:50 pm Technology

 मनासा | सरकार स्थानीय दुकानों यानी आपके अड़ोस- पड़ोस वाली हलवाई की दुकान पर मिलने वाले खाने-पीने के सामान की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए सरकार ने नए नियम लागू करने का फैसला किया है। एक अक्टूबर 2020 के बाद से, स्थानीय मिठाई की दुकानों को भी परातों एवं डिब्बों में बिक्री के लिए रखे गई मिठाई के निर्माण की तारीख तथा उपयोग की उपयुक्त अवधि जैसी जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। मौजूदा समय में इन विवरणों को पहले से बंद डिब्बाबंद मिठाई के डिब्बे पर उल्लेख करना अनिवार्य है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने नए नियम जारी किए है।

मिठाई की दुकान के लिए क्या है नया नियम बाजार में बिकने वाली खुली मिठाइयों के इस्तेमाल की समय-सीमा अब मिठाई विक्रेताओं या फिर हलवाइयों को बतानी होगी। उनके यहां निर्मित मिठाइयों का कितने समय तक उसका इस्तेमाल ठीक रहेगा। उसकी समय-सीमा की जानकारी उपभोक्ताओं को देनी होगी। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इसे अनिवार्य कर दिया है।

प्रदेश सरकार को दी जिम्मेदारी एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि सार्वजनिक हित और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये यह तय किया गया है कि खुली मिठाइयों के मामले में बिक्री के लिये आउटलेट पर मिठाई रखने वाली ट्रे के साथ एक अक्टूबर से अनिवार्य रूप से उत्पाद की बेस्ट बिफोर डेट प्रदर्शित करनी चाहिए। एफएसएसएआई ने आम लोगों के स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया है। उपभोक्ताओं को बासी एवं खराब मिठाई के उपयोग की अवधि समाप्त होने के बाद भी मिठाइयों की बिक्री की सूचना मिलने के बाद इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया है।

आर्थिक दंड और सजा का प्राविधान:-

खाद्य सुरक्षा के नए नियमों के तहत दुकानदार को पहले दो बार समझाइश दी जाएगी। उसके बाद तीन बार अर्थदण्ड और फिर बाद में सजा का प्रावधान किया गया है। दतिया में मिठाई की छोटी और बड़ी दुकानें मिलाकर लगभग 285 दुकान है। यहां ना तो दुकानदारों की इस नियम की जानकारी है और न ही इस संबंध में विभाग ने उन्हें अवगत कराया है। सिर्फ सोशल मीडिया पर ही उन्हें जानकारी मिली है। मिठाई खरीदने वाले ग्राहक को उसके साथ ही बिल भी देना होगा, जो कि अधिकांश दुकानदार नहीं देते हैं। यहां अधिकांश दुकानों पर खुली मिठाई बेची जाती है। उसे डिब्बे या फिर कागज में ही लपेट कर दे दिया जाता है। ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा विभाग क्या करेगा, यह भी अभी स्पष्ट नहीं है। मिठाई बिक्री करने वाले बड़े दुकानदार तो इसका पालन कर लेंगे, किंतु अन्य छोटे-छोटे दुकानदार इसका पालन किस तरह करेंगे, यह भी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

ग्राहकों के लिए ये नियम अच्छा

अभी अधिकांश मिठाई विक्रेता ग्राहकों को बिल भी नहीं देते हैं। मिठाइयों के उपयोग संबंधी निर्देश नहीं होने के कारण कई बार खराब मिठाई भी ग्राहकों तक पहुंच जाती है, जिससे कई बार में फूड प्वाइजनिंग की घटनाएं हो जाती है। नियम लागू किए जाने के साथ सख्ती से पालन करवाया जाना भी अनिवार्य है।

मिठाई के निर्माण की तारीख व् उपयोग की उपयुक्त अवधि की जानकारी प्रदर्शित करने जैसे नियमो की खुल कर उड़ रही धज्जिया नींद में सोया प्रशासन | सिकायत करने पर नाम मात्र की कार्यवाही कर अपना पल्ला झाड लेते है अधिकारी 

लोकडाउन से पहले मनासा में ऐसा ही वाकिया देखने को मिला जब खाद्य अधिकारी एक किराना दूकान पर पहुचे तो महुआ,खुला तेल और खुली मिठाइया और तो और घरेलू गेस सिलेंडर भी बड़ी संख्या में मिले लेकिन अधिकारी ने सभी को अनदेखा कर दिया | 

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