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आज नवरात्री का 6 टा दिन, मां दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी कहते हैं।

Neemuch Headlines October 22, 2020, 9:05 am Technology

कात्यायनी महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनके...

चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।

मां दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी कहते हैं। कात्यायनी महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनके यहां पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं।

महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी, इसीलिए ये कात्यायनी नाम से प्रसिद्ध हुईं।

मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं। यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी भी कहलाती हैं। सांसारिक स्वरूप में यह शेर पर सवार चार भुजाओं वाली, सुसज्जित आभा मंडल युक्त देवी कहलाती हैं। इनके बांए हाथ में कमल व तलवार और दाहिने हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है।

दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन साधक का मन ’आज्ञा चक्र’ में स्थित रहता है।

योग साधना में आज्ञा चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है।

भक्त को सहजभाव से मां कात्यायनी के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं। इनका साधक इस लोक में रहते हुए भी अलौकिक तेज से युक्त रहता है।

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