नीमच! आज दिनाँक 1.10.2020 को ग्राम जमुनिया कला स्थित मेसर्स खिमेसरा इंडस्ट्री पर जांच की गई, उक्त फर्म के संचालक सूरजमल अमृतलाल जैन है, उक्त फर्म के संचालक द्वारा गुमराह करने की दृष्टि से फर्म पर निर्माण कार्य बंद होना बताया व फैक्ट्री 1 साल से बंद होना बताया गया , मौके पर लहसुन व उसके कोई उत्पाद यहाँ नही होना बताया, फिर संजीव कुमार मिश्रा, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नीमच द्वारा फैक्ट्री का निरीक्षण करने को कहा। फैक्ट्री के अग्र भाग में कंस्ट्रक्शन का कार्य होना पाया गया व पाउडर व चिप्स बनाने का पूरा प्लांट लगा पाया गया परंतु बंद था।
लाइसेंस मांगने पर घर पर होना बताया व पोर्टल पर जांच करने पर खिमेसरा इंडस्ट्रीज के नाम से लहसुन व प्याज़ के उत्पाद निर्माण का लाइसेंस पाया गया। छत पर जांच के दौरान फैक्ट्री के अंतिम छोर पर एक गोडावन दिखा, तो पूछने पर उसमे निर्माण कार्य का अटाला रखा होना बताया व जब दिखाने के लिए कहा तो उसमें कुछ नही होना बताया व चाबी नही होना बताया परन्तु सख्ती से पूछने पर ताला खोला गया और गोदाम में लहसुन पाउडर के 654 कट्टे मिले, जो अन हाईजेनिक कंडीशन में रखे पाये गए, जिसमे मकड़ी के जाले,कीड़े,भूसी,कचरा आदि वहाँ पड़ा था । बोरे को खोलकर देखा गया तो उसमें लहसुन पाउडर में भी कीड़े नज़र आये ,फिर लहसुन पाउडर के पैक को खोलकर मानक स्तर की जांच हेतु नमूना लिया गया व गोडावन में रखा शेष माल 654 कट्टे जिसमे 26158 kg लहसुन पाउडर को जप्त किया गया ,जिसका मूल्य रुपये 5,75,476 है। फर्म के प्रोप्रियतोर द्वारा कहा गया कि हमारे द्वारा बहुत समय से माल नही बेचा गया है,परंतु जांच के दौरान 27 सितम्बर 2020 तक भी माल बेचा गया है और लाखों का माल लगातार बेचा जा रहा था। ऐसे कई बिल मौके पर मिले है,जिनसे यह सिद्ध हो रहा है कि लहसुन पाउडर,प्याज़ के फलैक्स भी भी विक्रय किये गए है,इसकी जांच की जा रही है,कि जब फैक्ट्री बंद थी तो यह माल कहा बन रहा था,बिल को चेक कर यह बताया जा सकता है कि उक्त फर्म द्वारा माल दिल्ली,मंदसौर,गुजरात, नीमच की कई नामचीन फर्मो को माल विक्रय किया गया है,कई औषधीय फर्मो को भी माल बेचा गया है। कुछ ऐसे बिल मौके से मिले है ,जिसमे अपना माल खिमेसरा इंडस्ट्री से अपनी ही फर्म को बेचना बताया गया है। उक्त नमूने जांच हेतु राज्य खाद्य प्रयोगशाला ,भोपाल भेजे जा रहे है,व जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। प्रकरण समाप्ति तक उक्त माल को जप्त किया गया है व माल का उपयोग नही किया जा सकता है।