मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस की बढ़ती रफ्तार के बाद अब सरकार की चिंता बढ़ गई है। सूबे की राजधानी भोपाल इस वक्त कोरोनावायरस के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है।
एक महीने में राजधानी में कोरोना के तीन हजार से अधिक नए मामले सामने आ चुके है। बुधवार को एक दिन में रिकॉर्ड 246 नए पॉजिटिव केस सामने आने के बाद अब सरकार ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और संक्रमित व्यक्तियों की जल्द पहचान करने के लिए आज से एंटीजन टेस्ट की शुरुआत होने जा रही है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक भोपाल में अब एंटीजन टेस्ट प्रारंभ हो रहे है,जिसकी रिपोर्ट बहुत जल्दी आ जाती है और लोगों के मन की आंशका तुरंत दूर हो जाती है। दिल्ली में कोरोना का संक्रमण की चेन तोड़ने में रैपिड एटीजन टेस्ट काफी असरदायक साबित हुआ था।
इसके साथ भोपाल में कोरोना के मामलों के बाद सरकार ने कोविड हॉस्पिटल की संख्या बढ़ा दी है। गृहमंत्री ने कहा कि अब भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज दो तरह से हो सकेगा जिसमें निशुल्क और पेड ट्रीटमेंट की व्यव्स्था है। पेड ट्रीटमेंट के लिए दो निजी अस्पताल बंसल हॉस्पिटल और आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज को अधिगृहित किया गया है, जहां संक्रमित व्यक्ति अपने खर्च पर इलाज कर पाएंगे। इसके साथ प्रशासन ने एलएन और पीपुल मेडिकल कॉलेज को भी कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया है,जहां पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति अपना इलाज कर सकेंगे, इन अस्पतालों में पीड़ित व्यक्ति का इलाज पूरी तरह निशुल्क होगा और इलाज का सारा खर्च सरकार उठाएगी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन खबरों को पूरी तरह निराधार बताया जिसमें भोपाल में अस्पतालों में बेड की कमी बताई गई थी। उन्होंने कहा कि भोपाल में अब भी 50 फीसदी बेड खाली है और इसके साथ वेटिंलेटर और आईसीयू की भी कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि भोपाल में अब एक दिन में टेस्टिंग क्षमता एक हजार से बढ़ाकर ढाई हजार की गई है।
क्या होता हैं रैपिड एंटीजन टेस्ट :- रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिए होने वाली जांच में नेजल स्वाब का सैंपल लेने के आधे से एक घंटे के भीतर रिपोर्ट आ जाती है और यह पता चल जाता है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना के बिना लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों और अन्य दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की जांच की जा सकती है। रैपिड एंटीजन टेस्ट में जल्द रिपोर्ट आने के बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों का जल्द इलाज शुरु कर उनको जल्द से जल्द आइसोलेट किया जा सकता है।