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बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की शोषण नीति के विरुद्ध किया शंखनाद : राज्यसभा सांसद गुर्जर

Neemuch headlines November 15, 2025, 6:16 pm Technology

मंदसौर । जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन धरती आबा ग्राम बालोदिया, जनपद पंचायत मंदसौर में राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर की अध्यक्षता में गरिमापूर्ण रूप से संपन्न हुआ। इस वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समापन वर्ष पर विशेष आयोजन किए गए। कार्यक्रम स्थल पर अलीराजपुर, जबलपुर से राज्य स्तरीय एवं नर्मदा (गुजरात) में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम का सजीव प्रसारण भी किया गया, जिसे उपस्थित जनों ने बड़े उत्साह से देखा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, विधायक विपिन जैन, योजना समिति सदस्य राजेश दीक्षित, जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा, सीईओ जिला पंचायत अनुकूल जैन, जिला संयोजक श्रीमती अंगुरबाला, सरपंच भेरूलाल, ग्रामीणजन एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. जे.के. जैन द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा मेधावी छात्र-छात्राओं चिन्तामन, गुनगुन, हर्ष पंवार एवं रंजना दाहिने को मेधावी पुरस्कार योजना अंतर्गत 1,000 रुपए की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। उत्कृष्ट विद्यालय एवं कन्या छात्रावास मंदसौर के बच्चों सहित स्थानीय विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं तथा आदिवासी लोक नृत्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अतिरिक्त छात्रा शकुंतला, पुष्पा, हसीना एवं हेमलता को सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। वहीं शुभम निनामा को राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित होने पर सम्मानित किया गया। राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की शोषणकारी नीति के विरुद्ध दृढ़ता से शंखनाद किया और जनजाति समाज को एकजुट कर जागृति का बड़ा आंदोलन खड़ा किया। कठिन परिस्थितियों और सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने समाज, संस्कृति और देशहित के लिए अंत तक संघर्ष किया। यही कारण है कि वे आज भी लोगों के हृदय में बसते हैं।

उन्होंने कहा कि 1875 में एक छोटे से गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ने ईसाई मिशनरी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, लेकिन पढ़ाई के दौरान जब उन्होंने अपनी धर्म–संस्कृति पर खतरा देखा तो मिशनरी शिक्षा छोड़कर समाज और राष्ट्र की सेवा में स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्होंने प्रकृति, परंपरा और आदिवासी संस्कृति को पुनर्जीवित करने का अद्भुत कार्य किया। गुर्जर ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन साहस, त्याग और स्वाभिमान का प्रतीक है। उनके नेतृत्व ने ‘उलगुलान’ जैसे बड़े आंदोलन को जन्म दिया जिसने अंग्रेजी शासन को चुनौती दी। आज जनजातीय गौरव दिवस पर हम उनके संघर्ष और आदर्शों को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लेने का संकल्प लेते हैं। विधायक विपिन जैन ने सभी को जनजाति गौरव दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा को भगवान की उपाधि इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध निर्भीकता से लड़ाई लड़ी। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम सभी को समाज हित में कार्य करना चाहिए। जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा एवं योजना समिति सदस्य राजेश दीक्षित ने कहा कि जनजाति गौरव दिवस देश के इतिहास का महत्वपूर्ण दिवस है। बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिन्हें आज पूरा देश श्रद्धा से स्मरण कर रहा है।

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