इंदौर। 15 सितंबर को इंदौर के ऐरोड्रम रोड स्थित बड़ा गणपति मंदिर के पास एक बेकाबू ट्रक ने कई लोगों और वाहनों को रौंद दिया। जिससे कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद ट्रक में आग लग गई, जिसे स्थानीय लोगों ने बुझाया। पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया और जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की और 9 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इंदौर में अब सड़क पर नो एंट्री की लड़ाई, ट्रक ऑपरेटरों ने शुरू किया स्वैच्छिक अनिश्चितकालीन बंद नो एंट्री जोन में ट्रक क्यों घुसते हैं? इंदौर में अक्सर ऐसा देखा गया है कि ट्रक और भारी वाहन नो एंट्री जोन में घुस जाते हैं। इसका मुख्य कारण है शहर में ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन न होना और निगरानी का अभाव। जब कोई बड़ी दुर्घटना होती है, जैसे हाल का ट्रक हादसा, तब प्रशासन की यह लापरवाही साफ़ दिखाई देती है। लोग सवाल उठाते हैं कि आखिर शहर सिर्फ सफाई और सौंदर्य पर ध्यान क्यों दे रहा है, जबकि सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और ड्रेनेज जैसी अहम समस्याओं की अनदेखी हो रही है। व्यावसायिक मार्गों और नो एंट्री जोन में ट्रकों की घुसपैठ रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे, जिससे शहर में हादसों का खतरा लगातार बना रहता है।
एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट की मांगें ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि पालदा-नवलखा होते हुए आने वाले मार्ग पर दोपहर 12:00 बजे से शाम 5:00 बजे और रात 9:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक भारी वाहनों को नो एंट्री से छूट दी जाए, ताकि व्यावसायिक सामान समय पर शहर तक पहुंच सके और ट्रैफिक संतुलित रहे। ऑपरेटरों की मांग है कि पालदा-नवलखा मार्ग पर येलो लाइन डालकर ट्रकों को कतारबद्ध तरीके से चलाया जाए। इससे ट्रक आपस में टकराने या दुर्घटना की संभावना कम होगी और शहर में आवागमन सुरक्षित एवं व्यवस्थित रहेगा। मुख्य मार्ग पर मौजूद अतिक्रमण के कारण ट्रकों और मालवाहनों का आवागमन बाधित होता है। ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि सभी स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं, ताकि मार्ग खुला रहे और व्यापारिक गतिविधियां सुचारू रूप से चलती रहें। इंदौर शहर के व्यावसायिक केंद्रों तक ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दोपहर 12:00 से 4:00 बजे तक छूट का प्रावधान होना चाहिए। इससे माल पहुंचाने वाले वाहनों को समय पर डिलीवरी करने में आसानी होगी और बाजार सुचारू रूप से संचालित होगा। ऑपरेटरों की मांग है कि रिंग रोड के कुछ हिस्सों और व्यावसायिक केंद्रों तक पहुंच मार्ग हमेशा खुले रहें।
उदाहरण के लिए, राऊ सर्कल से राजेंद्र नगर, चोइथराम सब्जी मंडी, ट्रांसपोर्ट नगर और पालदा तक मार्ग चौबीस घंटे चालू रहे। ट्रक ऑपरेटर चाहते हैं कि बायपास से रेडिशन होटल होते हुए निरंजनपुर चौराहे तक का मार्ग चौबीस घंटे खुला रखा जाए, ताकि व्यावसायिक माल और लॉजिस्टिक गतिविधियों में रुकावट न आए और ट्रैफिक फ्लो बेहतर बना रहे। ऑपरेटरों की मांग है कि सावेर रोड से देवास नाका तक का मार्ग पूरी तरह से चालू रखा जाए। यह मार्ग शहर के व्यावसायिक और लॉजिस्टिक संचालन के लिए महत्वपूर्ण है और इसे बंद रखने से ट्रैफिक और माल की डिलीवरी प्रभावित होती है। लकड़ी मंडी से फूटी कोठी, गोपुर चौराहा होते हुए राऊ सर्कल तक का मार्ग चौबीस घंटे ट्रकों और माल वाहनों के लिए खुला रखा जाना चाहिए। इससे शहर के व्यापारिक केंद्रों तक माल का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा। चंदन नगर लाबरीया भेरू से पंचकुइया मार्ग और सांवेर रोड से मरीमाता होते हुए पोलोग्राउंड एवं सुपर कॉरीडोर तक, छोटा बांगड़दा होते हुए लक्ष्मी नगर मंडी तक मार्ग पर दोपहर 12:00 से 4:00 बजे तक ट्रकों की आवाजाही की अनुमति दी जाए। ऑपरेटरों का कहना है कि सभी चार पहिया माल वाहक वाहनों को नो एंट्री के समय में भी मार्ग पर चलने की अनुमति दी जाए। इससे समय पर माल की डिलीवरी होगी और व्यावसायिक गतिविधियों में बाधा नहीं आएगी। ट्रक ऑपरेटर यह चाहते हैं कि प्रशासन द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देश लिखित रूप में जारी किए जाएं। इससे किसी तरह की गड़बड़ी या विवाद नहीं होगा और मार्ग पर आवागमन सुनिश्चित होगा।