नीमच। मध्यप्रदेश के अंतिम छोर पर बसे यह नीमच अच्छे कार्य और बुरे कार्यों के लिए भली बात ही पहचाना जाता है। नीमच जिले में सबसे ज्यादा सूदखोरी तोड़ बटा ब्याज बटा और जुआ सट्टा के नाम से यह जिला प्रचलित है।
वही देखे कि मध्यप्रदेश सरकार ने सहकारिता विभाग के माध्यम से सोसाइटी खोलने का एक नियम बनाया था जिससे कि लोगों को कम दर पर पैसा मिल सके, मगर सहकारिता विभाग की तानाशाही के चलते नीमच जिले में अक्षय क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को ऐसी खुली आजादी दी मानो ये सोसायटी वाले खुली लुट खसोट कर सके। आपको बता दे कि अक्षय कोऑपरेटिव सोसाइटी से पीड़ित लोगों ने 25/11/25 जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अवगत करवाया फिर भी अक्षय का क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और सहकारिता विभाग के अत्याचार से पीड़ितों को न्याय नही मिल पाया थक हार कर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन के चौथे रोज 2 पीड़ित व्यक्तियों द्वारा अपना सर मुंडवाकर विरोध दर्ज करवाया और कहा है कि हम सभी अब और पीड़ा सहन नहीं कर सकते हैं। हमने मध्य प्रदेश शासन और सरकार से इच्छा मृत्यु भी मांगी है। मगर अभी तक इसकी इजाजत भी नहीं दी गई है। पिछले 2 वर्षों से लगातार सहकारिता विभाग के बड़े अधिकारीयों को लिखित पत्रों के माध्यम से संबंधित कई विभागों जिसमे लगभग 18 विभागों में पत्र देकर हम अपनी मांगों को लेकर पहुँचे ओर पत्र भी लिखे परंतु सहकारिता विभाग और जिम्मेदार आला अधिकारीयो के कानों में जू तक नहीं रेगी ।
पीड़ितों पर लगातार अत्याचार करते हुए चेक बाउंस जैसे मामले को अक्षय क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा दर्ज करवाए जा रहे हैं नीमच मंदसौर जिले में लगभग 10,000 लोग सहकारिता विभाग और अक्षय क्रेडिट सोसायटी से प्रताड़ित हो चुके हैं। यहां ऐसा लग रहा है मानो सहकारिता विभाग ने अक्षय क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को खुली लूट करने का लाइसेंस दे दिया है। इस लाइसेंस का दुरुपयोग कर गरीबों का शोषण किया जा रहा है। ऐसे में सहकारिता विभाग भी अक्षय क्रेडिट की गोद में जा बैठा है, नीमच में अब सहकारिता के अधिकारियों का बदलाव होना आवश्यक है। अब कोई ईमानदार अधिकारी आएगा तभी मासूम बेबस गरीबो को न्याय मिल पायेगा।