उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब वर और वधुओं की उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीन से दर्ज की जाएगी, जिसमें आधार कार्ड का उपयोग होगा। यह नई व्यवस्था नवंबर में प्रयागराज में होने वाले सामूहिक विवाह समारोह से प्रभावी होगी, जिसमें 729 जोड़ें हिस्सा लेंगे। सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीबों की बेटियों की शादी को धूमधाम से संपन्न कराना है। समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए शासन ने बायोमीट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता का आदेश जारी किया है। पहले वर और वधुओं की मैनुअल उपस्थिति दर्ज की जाती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया बदल गई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी रामशंकर ने कहा कि सामूहिक विवाह में आवेदन के साथ वर और वधुओं के आधार कार्ड लिए जाते हैं।
इन आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट और फेस कैप्चरिंग के लिए डेटा उपलब्ध रहता है। समारोह स्थल पर बायोमीट्रिक मशीन रखी जाएगी, जिससे वर-वधू की हाजिरी आधार के डेटा के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इससे गड़बड़ी की आशंका कम होगी। सामूहिक विवाह योजना का विस्तार वित्तीय वर्ष 2025-26 में सामूहिक विवाह में 1,242 जोड़ें का विवाह कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 513 जोड़ें का विवाह मई में संपन्न हो चुका है, जबकि शेष 729 जोड़ें का विवाह अब नवंबर में होगा। विभाग शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहा है ताकि सभी जोड़ें की शादी सही समय पर हो सके। कार्यक्रम की तैयारियाँ प्रयागराज के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 300 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। आगामी दो नवंबर से शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं, जिसके बाद सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जाएगा।
इस आयोजन से गरीब परिवारों को अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से कराने का अवसर मिलेगा।