भारत में लोगों के पास कितना सोना, कीमत बढ़ने पर क्या खरीदी से हुआ मोहभंग, महंगा होने पर भी सर्राफा व्यापारियों की क्यों हो रही है चांदी

Neemuch headlines September 15, 2025, 5:32 pm Technology

नई दिल्ली। सोने की कीमत आसमान पर होने के कारण लोगों ने गहने-जेवरात की खरीद कम कर दी है, यहां तक कि कैरेट पर भी समझौता कर रहे हैं, इसके बावजूद सर्राफा व्यापारियों की चांदी है। दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,13,000 रुपए प्रति दस ग्राम से ऊपर है जो पहले कभी नहीं देखा गया था। यह इस साल 30 प्रतिशत से ज्यादा महंगा हुआ है।

आखिर सोना कितना ऊपर पहुंचेगा और इसमें कितनी राहत मिलने वाली है। Financialisation' का हवाला देते हुए कहा कि भारत के घरों और धार्मिक संस्थानों के पास करीब 23,000 से 25,000 टन सोना है, जिसकी वैल्यू लगभग 1.4 ट्रिलियन डॉलर है। भाव बढ़ने से क्या बदली लोगों की पसंद यहां भारत मंडपम में 13 से 15 सितंबर तक जारी तीन दिवसीय दिल्ली ज्वेलरी एंड जेम्स फेयर 2025 में मीडिया से बात करते हुए इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हेतल वकील वालिया ने कहा कि ऊंची कीमत के अलावा एक और तथ्य है जो लोगों की पसंद को प्रभावित कर रही है। अब महिलाएं भारी जेवर की बजाय हल्के जेवर ज्यादा पसंद करती हैं जिन्हें वे ऑफिस या घरों में भी रोजाना पहन सकें, न कि सिर्फ खास मौकों पर। इसलिए, लोग शादियों में भी हल्के जेवर दे रहे हैं। यह जेब के लिए किफायती भी है और फैशन पसंद युवा वर्ग के लिए बिल्कुल सही है। यही कारण है कि अब बड़े सेट ज्यादा नहीं बिक रहे हैं। ज्वेलरी डिजाइनर वालिया ने कहा कि हमारे देश में कुछ भी हो जाए, लोग शादी-विवाह में गहने जरूर देते हैं। लेकिन बजट को देखते हुए अब वे कैरेट पर समझौता कर रहे हैं।

दक्षिण भारत में बिक रहा है 18 कैरेट सोना दक्षिण भारत में पहले 22 कैरेट से कम का सोना बिकता ही नहीं था, अब वहां भी 18 कैरेट का सोना बिकने लगा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में नौ केरेट के सोने को भी हॉलमार्क देने का फैसला करते हुए सरकार ने अब उसकी बिक्री को भी मान्यता दे दी है। द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (टीबीजेए) के चेयरमैन रामअवतार वर्मा ने भी स्वीकार किया कि लोग अब पहले के मुकाबले कम सोना खरीद रहे हैं, लेकिन दाम इतने ऊंचे हैं कि व्यापारियों की आय बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि सोने की कीमत अभी और बढ़ेगी क्योंकि पहले भी दाम में कितनी ही तेज उछाल के बाद भी इसने कभी वापस मुड़कर नहीं देखा। क्या पितृपक्ष के बाद बढ़ेगी खपत विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं। उसका कहना है कि इस साल देश में सोने की खपत पांच साल के निचले स्तर पर 600 से 700 टन के बीच रह सकती है।

पिछले साल यह 802.8 टन रही थी। अप्रैल-जून तिमाही में खपत 10 प्रतिशत कम होकर 134.9 टन रही थी। आम तौर पर यह तिमाही वैवाहिक सीजन मानी जाती है और इसी दौरान अक्षय तृतीय भी आता है जब लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं। सोने की खरीद का दूसरा बड़ा सीजन पितृपक्ष के बाद शुरू होगा।

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