अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस: लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और नागरिक भागीदारी का संकल्प, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

Neemuch headlines September 15, 2025, 3:57 pm Technology

आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है। हर साल 15 सितंबर को यह दिन लोकतंत्र के महत्व को समझने और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना और लोकतांत्रिक संस्थाओं की जवाबदेही को सुनिश्चित करना है। इस दिन पर सीएम मोहन यादव ने शुभकामनाएं दी हैं।

उन्होंने आह्वान किया कि ‘हम भारत के लोगों के समन्वित प्रयासों से सामाजिक समरसता, सद्भाव और सर्वसम्मति के उच्चतम मूल्यों का लोकतंत्रात्मक गणराज्य स्थापित किया गया है। आइए हम सब सुरक्षा और सम्मान से युक्त भारतीय संविधान के साथ नागरिकों की समृद्धि के लिए इस दायित्व के प्रति अनवरत संकल्पित रहें।’ अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का इतिहास अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुरुआत 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी, जब इसे लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक विशेष दिन के रूप में स्थापित किया गया। हालांकि, इस दिन की नींव 1988 में फिलीपींस में आयोजित ‘नए और पुनर्स्थापित लोकतंत्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ (ICNRD) से रखी गई थी और 15 सितंबर 1997 को ‘लोकतंत्र पर सार्वभौमिक घोषणा’ को अंतर-संसदीय संघ (IPU) द्वारा अपनाया गया था। कतर ने इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिस कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को मान्यता दी। इस दिन का उद्देश्य लोकतांत्रिक सिद्धांतों जैसे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समावेशिता, पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी – को बढ़ावा देना है। अंर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है कि लोकतंत्र सिर्फ सत्ता का वितरण नहीं, बल्कि नागरिकों की भागीदारी, अधिकारों की रक्षा और समानता की भावना है।

संयुक्त राष्ट्र और इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन जैसे संगठन इस दिन को लोकतंत्र के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में देखते हैं। अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का वैश्विक महत्व लोकतंत्र सिर्फ एक शासन प्रणाली नहीं बल्कि नागरिकों के अधिकार और जिम्मेदारियों की गारंटी भी है। यह समाज में समानता, न्याय और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देता है। आज के समय में जहां विश्व भर में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है..ऐसे में यह दिन लोकतंत्र की सुरक्षा का संदेश देता है। इस अवसर पर हमें लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

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