जबलपुर। मेडिकल में पढ़ाई की जब भी बात आती है, तो सबसे पहले एक छात्र इंग्लिश के बारे में ही सोचता है, क्योंकि इसमें कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिन्हें बेहद कठिन माना जाता है। अक्सर एमबीबीएस की पढ़ाई कुछ लोग इसलिए भी नहीं करते हैं क्योंकि इसमें सब कुछ इंग्लिश में होता है।
लेकिन अब देश का पहला हिंदी मेडिकल कॉलेज शुरू होने वाला है। यह कॉलेज मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा जबलपुर में शुरू किया जाएगा, जिसमें पढ़ाई से लेकर पुस्तकें और परीक्षा सब कुछ हिंदी में ही होगा। शुक्रवार को मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इस बैठक के बाद अब इस योजना को लेकर डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद अगर वहां से स्वीकृति मिल जाती है, तो नेशनल मेडिकल कमिशन से अनुमति लेने के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी। शुक्रवार को आयोजित की गई इस बैठक में एमबीबीएस की 50 सीटों के साथ 2027-28 के सत्र के लिए कॉलेज प्रारंभ किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें अलग अस्पताल नहीं बनाया जाएगा, बल्कि वर्तमान मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही इस कॉलेज के साथ जोड़ा जाएगा। यह फैसला उन सभी छात्रों के लिए बेहद खुशखबरी लेकर आया है जो एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन इंग्लिश के कारण उन्हें दिक्कत हो रही थी। अब ये छात्र हिंदी में एमबीबीएस को चुन सकेंगे। आगे चलकर और कोर्स भी एड किए जाएंगे मेडिकल विद्यार्थी फिलहाल अस्पताल में क्लीनिकल पढ़ाई भी कर सकेंगे। अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो सीटों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा। मेडिकल से जुड़े दूसरे पाठ्यक्रम जैसे एमडी, एमएस की पढ़ाई को भी आगे चलकर हिंदी में करवाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
दरअसल, एमबीबीएस के पूरे पाठ्यक्रम को पहले ही हिंदी में अनुवादित किया जा चुका है। ऐसे में अब पुस्तकों की उपलब्धता भी परेशानी नहीं बनेगी। आगे चलकर एमबीबीएस के अन्य पाठ्यक्रम को भी हिंदी में करवाया जाएगा। साथ ही, प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज देश में हिंदी में एमबीबीएस कराने वाला पहला कॉलेज बन जाएगा।