नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है जो 21 अगस्त तक चलेगा। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए देश की प्रगति, उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मानसून सत्र को ‘विजयोत्सव’ बताते हुए कहा कि पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति और सामर्थ्य का रूप देखा है। प्रधानमंत्री ने सत्र से पहले अपने संबोधन में कहा कि ‘मैं कामना करता हूं कि संसद का मानसून सत्र सार्थक हो और इसमें समृद्ध चर्चाएं हों, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।’ उन्होंने कहा कि देश ने ‘एक स्वर का सामर्थ्य’ देखा है इसलिए सभी राजनीतिक दल सदन में भी सभी सांसद इसे बल दें और आगे बढ़ाएं। आज से संसद का मानसून सत्र प्रारंभ हो गया है और सत्र से पहले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे इसके सार्थक होने की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘राजनीतिक दल अलग-अलग हैं। दलहित में मत भले न मिले लेकिन देशहित में मन जरूर मिलें। मानसून सत्र से देश की विकास यात्रा और प्रगति को बल देने वाले अनेक विधेयक प्रस्तावित हैं। सदन विस्तृत चर्चा करके उनको पारित करेगा। मैं सभी सांसदों को सत्र के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’ इस तरह मानसून सत्र में सार्थक चर्चाओं की कामना करते हुए लोकतंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। मानसून सत्र को ‘विजयोत्सव’ का नाम दिया प्रधानमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र एक विजयोत्सव है। पूरी दुनिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की सैन्य शक्ति का रूप देखा है और हमारी सेना ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसे सौ प्रतिशत प्राप्त किया। सेना ने आतंकियों के ठिकानों को ज़मींदोज़ कर दिया। हमारी सेना ने सिद्ध करके दिखा दिया कि वो कितनी शक्तिशाली है।’ पहलगाम में हुए क्रूर नरसंहार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी दलों की सराहना भी की..जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने में सहयोग दिया। पीएम ने मानसून को नवीनता और समृद्धि का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस साल देश में बारिश ने किसानों और अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा दी है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में इस बार जल भंडारण तीन गुना बढ़ा है जो आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि इस दशक को हम शांति और प्रगति के लिए कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने का प्रतीक रहा है।